नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
केंद्र सरकार ने शनिवार को जारी बजट में 2025-26 के रक्षा बजट के लिए 6,81,210 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह पिछले साल के मुताबिक करीब 60 करोड़ रुपये अधिक है। बता दें पिछले साल रक्षा बजट के लिए कुल 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। रक्षा बजट में कुल पूंजी परिव्यय
1,92,387 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि राजस्व व्यय 4,88,822 करोड़ रुपये रखा गया है। सैन्य जरूरतों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए घरेलू आपूर्तिकर्ताओं का बजट भी नियत कर दिया गया है।
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पेंशन के लिए 1,60,795 करोड़
रक्षा बजट में पेंशन के लिए 1,60,795 करोड़ रुपये शामिल हैं। पंजीगत व्यय के लिए विमान और वैमानिकी इंजनों पर खर्च के लिए 48,614 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में अलग से की गई थी। सदन में बजट पेश करते समय वित्त मंत्री की ओर से रक्षा बजट का उल्लेख न किए जाने के कारण इस संबंध में लोगों की जिज्ञासा बढ़ गई थी। रक्षा बजट में नौसेना बेड़े के लिए भी अलग से 24,390 करोड़ रुपये कर राशि आवंटित की गई है। नौसेना के लिए अन्य उपकरण खरीदने के लिए 63,099 करोड़ रुपये की राशि की व्यवस्था बजट में अलग से की गई है।
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पिछले रक्षा के बजट के बारे में भी जानें
बता दें कि भारत सरकार ने 2024-25 में रक्षा बजट के लिए 6,21,940 करोड़ का प्रावधान किया गया था। पिछले साल के रक्षा बजट में पूंजी परिव्यय 1,72,000 करोड़ रुपये आंका गया था। इस बार सरकार ने बजट के जरिए आत्मनिर्भरता हासिल करने पर जोर दिया है। सरकार का घरेलू
आपूर्तिकर्ताओं से हथियार, सिस्टम और उपकरण खरीदने पर जाेर रहेगा। घरेलू आपूर्तिकर्ताओं के लिए बजट में एक हिस्सा तय कर दिया गया है।
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आधुनिकीकरण के लिए दिए थे 1.72 लाख करोड़
वित्तीय वर्ष 2024-25 में रक्षा बलों को पूंजीगत मद के अंतर्गत बजटीय आवंटन 1.72 लाख करोड़ रुपये का था। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए बजटीय आवंटन को वित्त वर्ष 2023-24 में 23,263.89 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2024-25 में 23,855 करोड़ रुपये कर दिया गया था। इसमें से 13,208 करोड़ रुपये का एक बड़ा हिस्सा पूंजीगत व्यय के लिए था। वित्तीय वर्ष 2024-25 आउटरीच एरिया खासकर देश की सीमाओं पर बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सीमा सड़क संगठनों (बीआरओ) को 6,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।