नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष में भारत ने पाकिस्तान के कई लड़ाकू विमानों और मिसाइलों को मिट्टी में मिला दिया। दुनिया इस बात को जानती है कि टारगेट हिट करने से पहले ही भारत ने पाकिस्तान की कई मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर दिया, लेकिन अब दुनिया ये जानना चाहती है कि क्या इस संघर्ष में भारत के लड़ाकू विमान गिरे ? और गिरे तो इन लड़ाकू विमानों की संख्या कितनी थी। इसको लेकर अभ सीडीएस (कंबाइन्ड डिफेंस सर्विसेस) जनरल अनिल चौहान के एक साक्षात्कार की चर्चा खूब हो रही है।
क्या भारत के लड़ाकू विमान गिरे थे?
सिंगापुर में भारत के CDS जनरल अनिल चौहान से एक इंटरव्यू में सवाल पूछा गया कि पाकिस्तान से लड़ाई में क्या भारत के लड़ाकू विमान गिरे थे? जनरल अनिल चौहान ने जवाब दिया कि हमारे लिए जरूरी सवाल ये नहीं कि लड़ाकू विमान गिरे, बल्कि जरूरी सवाल ये है कि आखिर वो क्यों गिरे? और उसके बाद हमने क्या किया।
दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया
सीडीएस चौहान ने पुष्टि की कि हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष में भारत ने कुछ लड़ाकू विमान गंवाए हैं, हालांकि उन्होंने इनकी सटीक संख्या बताने से इनकार किया। ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि यह जानना उतना जरूरी नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह समझना ज्यादा अहम है कि वे क्यों गिरे। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा छह भारतीय विमानों को मार गिराने के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
सीडीएस चौहान ने कहा, "अब युद्ध केवल जमीन, हवा और समुद्र तक सीमित नहीं हैं। ये अब साइबर और अंतरिक्ष जैसे नए मोर्चों पर भी लड़े जा रहे हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत ने अपनी स्वदेशी तकनीक का शानदार इस्तेमाल किया। हमने किसी विदेशी कंपनी पर निर्भर हुए बिना यह अभियान चलाया। संभव है कि पाकिस्तान ने चीनी या पश्चिमी सैटेलाइट इमेजरी का सहारा लिया हो, लेकिन भारत ने पूरी तरह अपनी तकनीक पर भरोसा किया।"
Operation Sindoor