Advertisment

RSS का शताब्दी वर्ष, दिल्ली में मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ अहम बैठक आज

RSS अपने शताब्दी वर्ष का आयोजन कर रहा है और इसके तहत देशभर में अपनी पहुँच बढ़ाने की योजना बना रहा है। इसी क्रम में, दिल्ली के हरियाणा भवन में संघ प्रमुख मोहन भागवत की अध्यक्षता में मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हो रही है।

author-image
Ranjana Sharma
Mohan Bhagwat, RSS
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
नई दिल्ली, आईएएनएस: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस वर्ष अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। इस अवसर पर संघ ‘शताब्दी वर्ष’ का आयोजन कर रहा है, जिसके तहत वह भारत के हर गांव, हर बस्ती और हर घर तक अपनी पहुंच बढ़ाने की योजना बना रहा है। इस महत्वपूर्ण मौके पर गुरुवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली के हरियाणा भवन में मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ एक बैठक में हिस्सा लेंगे। 

मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ एक बैठक में हिस्सा लेंगे

इस बैठक में आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी, सह कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले, कृष्ण गोपाल, रामलाल और इंद्रेश कुमार भी मौजूद रहेंगे। बैठक में ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख उमर इलियासी सहित कई प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरु शामिल होंगे। इस बैठक का उद्देश्य विभिन्न समुदायों के बीच संवाद को बढ़ावा देना और सामाजिक सौहार्द को मजबूत करना है।आरएसएस का शताब्दी वर्ष का आयोजन संगठन के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

विभिन्न धर्मों के बीच आपसी समझ और सहयोग पर जोर

Advertisment
1925 में स्थापित इस संगठन ने पिछले एक सदी में सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर काम किया है। शताब्दी वर्ष के दौरान संघ ने देश के हर हिस्से में अपनी विचारधारा और सेवा कार्यों को फैलाने का लक्ष्य रखा है। इस बैठक को भी इसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है, जहां विभिन्न धर्मों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इस आयोजन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह बैठक भविष्य में और ऐसे संवादों की नींव रख सकती है। शताब्दी वर्ष के तहत संघ की योजनाओं में सामाजिक सेवा, शिक्षा और राष्ट्रीय एकता से जुड़े कार्यक्रम शामिल हैं।

आरएसएस की विचारधारा हिंदुत्व पर आधारित

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना 27 सितंबर 1925 को डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। हिंदू समाज को संगठित और सशक्त बनाने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत हुई। डॉ. हेडगेवार ने देश में राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक जागरण की आवश्यकता महसूस की और स्वयंसेवकों के माध्यम से समाज सेवा, शिक्षा और चरित्र निर्माण पर जोर दिया। आरएसएस की विचारधारा हिंदुत्व पर आधारित है, जो भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देती है। RSS
RSS
Advertisment
Advertisment