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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | पहलगाममें हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। इस निर्णय के बाद केंद्र सरकार ने चिनाब नदी के जल का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। इसी क्रम में रणबीर नहर की लंबाई 120 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
जलविद्युत उत्पादन की दिशा में बड़ा कदम
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अब तक भारत चिनाब नदी के पानी का सीमित उपयोग करता रहा है, जिसमें सिंचाई प्रमुख थी। लेकिन अब केंद्र सरकार इस पानी का उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिए करने की दिशा में गंभीर है। इसके तहत लगभग 3000 मेगावाट अतिरिक्त जलविद्युत क्षमता विकसित करने की योजना बनाई जा रही है, जिसका पहले पाकिस्तान द्वारा उपयोग किया जा रहा था।
रणबीर नहर विस्तार को मिलेगी प्राथमिकता
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रणबीर नहर की लंबाई को 120 किलोमीटर तक बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिससे कृषि और बिजली दोनों क्षेत्रों को लाभ होगा। चूंकि इस तरह के बुनियादी ढांचे के निर्माण में समय लगता है, इसलिए सभी हितधारकों से प्रक्रिया को तेज करने का आग्रह किया गया है।
अन्य नहरों की सफाई भी शुरू
सरकार ने अन्य संबंधित परियोजनाओं पर भी कार्य शुरू कर दिया है। कठुआ, रावी और परागवाल नहरों से गाद निकालने का काम प्रारंभ हो चुका है, जिससे जल प्रवाह और क्षमता में सुधार होगा। भारत ने साफ कर दिया है कि सिंधु जल संधि तब तक निलंबित रहेगी, जब तक पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह से और स्थायी रूप से बंद नहीं करता। भारत का यह रुख स्पष्ट रूप से सुरक्षा और रणनीतिक हितों के तहत उठाया गया कदम है।
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