जम्मू-कश्मीर, वाईबीएन डेस्क| केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जम्मू-कश्मीर के कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से जुड़े एक भ्रष्टाचार मामले में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और उनके दो निजी सचिवों समेत कुल 7 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। सूत्रों के अनुसार, आरोप पत्र में मलिक के अलावा उनके तत्कालीन निजी सचिवों और प्रोजेक्ट से जुड़े चार अन्य अधिकारियों या ठेकेदारों को नामजद किया गया है। यह मामला उस समय का है जब सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। इस मामले में फरवरी 2024 में सीबीआई ने सत्यापाल मलिक के दिल्ली और जम्मू-कश्मीर समेत कई जगहों पर छापेमारी की थी। साल 2018 से 2019 तक राज्यपाल रहे मलिक ने खुद भी ये दावा किया था कि उन्हें इस परियोजना से जुड़ी दो फाइलों पर साइन के लिए 300 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर ऑफर हुए थे।
किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट
यह मामला 2200 करोड़ रुपये की लागत वाली किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (Kiru Hydroelectric Power Project) में ठेके के आवंटन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। किरू पावर प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित है और इसका क्रियान्वयन चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) द्वारा किया जा रहा है। सीबीआई जांच में सामने आया कि सिविल वर्क्स के लिए टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं बरती गईं। CVPPPL की 47वीं बोर्ड बैठक में यह तय हुआ था कि ठेके के लिए ई-टेंडरिंग और रिवर्स ऑक्शन के जरिए दोबारा प्रक्रिया अपनाई जाएगी, लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। इसके बजाय, ठेका प्रत्यक्ष रूप से पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दे दिया गया।
CBI ने की थी छापेमारी
CBI ने फरवरी 2024 में इस मामले में सघन छापेमारी की थी। यह कार्रवाई सत्यपाल मलिक के दिल्ली स्थित आवास और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न परिसरों पर की गई थी। तलाशी के दौरान मलिक के सहयोगियों और परियोजना से जुड़े अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लिया गया था।CBI की जांच में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें सत्यपाल मलिक पूर्व राज्यपाल, नवीन कुमार चौधरी CVPPPL के पूर्व चेयरमैन, एम एस बाबू पूर्व अधिकारी, एम के मित्तल अधिकारी, अरुण कुमार मिश्रा अधिकारीऔर पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड, ठेका प्राप्त कंपनी शामिल है।