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CJI बीआर गवई बोले—कुर्सी सेवा के लिए है, घमंड के लिए नहीं

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने महाराष्ट्र के दर्यापुर (अमरावती) में न्यायालय की नई इमारत के उद्घाटन समारोह में न्यायपालिका, प्रशासन और अधिवक्ताओं को जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए कड़ा संदेश दिया।

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Ranjana Sharma
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महाराष्ट्र, वाईबीएन डेस्क: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने शुक्रवार को दर्यापुर (अमरावती) में न्यायालय की नवनिर्मित भव्य इमारत के उद्घाटन अवसर पर सख्त और स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी पद – चाहे वह न्यायपालिका का हो या प्रशासन का जनता की सेवा के लिए होता है, ना कि अहंकार के प्रदर्शन के लिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, अगर कुर्सी सिर पर चढ़ जाए तो न सेवा बचेगी, न न्याय… सिर्फ पाप होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं दोनों को अपने आचरण में मर्यादा और विनम्रता रखनी चाहिए।

अधिवक्ताओं और न्यायाधीशों को दी सीख

अपने संबोधन में CJI गवई ने कहा, “अदालत केवल न्यायाधीश की नहीं, बल्कि वकील की भी होती है। न्यायाधीशों को वकीलों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने युवा अधिवक्ताओं को अनुशासन और वरिष्ठों का सम्मान करने की नसीहत देते हुए कहा कि 25 साल का वकील कुर्सी पर बैठा होता है और 70 साल का सीनियर आता है तो वह उठता तक नहीं थोड़ी तो शर्म करो।

न्यायपालिका और प्रशासन दोनों के लिए चेतावनी

उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और न्यायिक पदों पर बैठे लोगों से भी कहा कि उन्हें अपने पद का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। CJI बोले, “यह कुर्सी सम्मान की प्रतीक है, इसे घमंड से अपमानित न करें। पद मिले तो झुकना सीखो, अकड़ना नहीं।

नई इमारत की सौगात

दर्यापुर और अंजनगांव क्षेत्र को मिली यह न्यायिक इमारत 28.54 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है, जहां अब सिविल और क्रिमिनल मामलों की सुनवाई एक ही जगह होगी। उद्घाटन समारोह में न्यायाधीशों के अलावा जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारी, वकील और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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