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पटना, आईएएनएस: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस और सीपीआई(एम) में भावना की कमी है। राहुल गांधी के इस बयान पर सियासत तेज हो गई। सीपीआई महासचिव ने उन्हें एकजुट रहने की सलाह दी है। सीपीआई महासचिव डी. राजा ने कहा कि गठबंधन में कोई भ्रम या टकराव नहीं होना चाहिए।
भाजपा के खिलाफ गठबंधन को एकजुट और संगठित रहना होगा
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के आरएसएस-सीपीआई(एम) वाले बयान पर सीपीआई महासचिव डी. राजा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सिर्फ राहुल गांधी ही नहीं बल्कि मुझे और बाकी नेताओं के साथ एकजुट होना होगा। भाजपा के खिलाफ गठबंधन को एकजुट और संगठित रहना होगा। 'देश बचाओ, भाजपा हटाओ', अगर यही हमारा मकसद है, तो हमें उनके खिलाफ गठबंधन को मजबूत करना होगा, यही हमारा विचार है। कोई भ्रम या टकराव नहीं होना चाहिए।
यह बोले थे राहुल गांधी
सीपीआई महासचिव डी राजा ने आगे कहा कि नेताओं को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जो संघर्ष पैदा करे। मुझे लगता है कि इंडिया ब्लॉक को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। साथ ही भाजपा को सत्ता से हटाकर देश को मजबूत करना चाहिए। लोकसभा में नेता राहुल गांधी ने केरल के कोट्टायम में कहा कि मैं आरएसएस और सीपीआई(एम) से विचारधारा और विचारों के स्तर पर लड़ता हूं। मेरी उनसे सबसे बड़ी शिकायत यह है कि उनके मन में लोगों के लिए कोई भावना नहीं है। आप चाहे जितने भाषण दें, अगर आप लोगों की भावनाओं को नहीं समझते, उन्हें गले नहीं लगाते, तो आप नेता नहीं बन सकते।
राहुल गांधी के बयान पर उठाए सवाल
राहुल गांधी के बयान पर सीपीआई(एम) महासचिव एम.ए. बेबी ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "हम समय आने पर कांग्रेस की भी आलोचना करते हैं, लेकिन हम कांग्रेस की तुलना भाजपा से कभी नहीं करेंगे। जबकि राहुल गांधी ने आरएसएस और सीपीआई(एम) की तुलना की। यह एक अनावश्यक बयान था और विपक्ष के नेता को इससे बचना चाहिए था।"
rahul gandhi