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Delhi- Dehradun Expressway: साउंड प्रूफ एक्‍सप्रेस-वे पर फर्राटे भरने के लिए हो जाएं तैयार

दिल्‍ली- देहरादून एक्‍सप्रेस-वे देश का पहला साउंड प्रूफ एक्‍सप्रेस-वे है। राजाजी और शिवालिक जंगलों के बीच से निकलते समय एक्‍सप्रेस-वे पर फर्राटे भरते वाहनों की आवाज बाहर नहीं जाएगी।

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Dhiraj Dhillon
दिल्‍ली- देहरादून एक्‍सप्रेस-वे

दिल्‍ली- देहरादून एक्‍सप्रेस-वे

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नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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साउंड प्रूफ स्‍टूडियो के बारे में आपने खूब सुना होगा, देखे होंगे। आज हम आपको साउंड प्रूफ एक्‍सप्रेस-वे के बारे में बताएंगे। जी हां, देश का पहला साउंड प्रूफ एक्‍सप्रेस-वे बनकर तैयार है। अब आप भी इस पर फर्राटे भरने के लिए तैयार हो जाइए। दिल्‍ली- देहरादून एक्‍सप्रेस-वे देश का पहला साउंड प्रूफ एक्‍सप्रेस-वे है। राजाजी और शिवालिक जंगलों के बीच से निकलते समय एक्‍सप्रेस-वे पर फर्राटे भरते वाहनों की आवाज बाहर नहीं जाएगी। इतना ही नहीं इस एक्‍सप्रेस-वे से रोशनी भी बाहर नहीं जाएगी। यह पूरी व्‍यवस्‍था जंगली जानवरों का सुकून कायम रखने के लिए की गई हैं।

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एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर

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दिल्‍ली- देहरादून एक्‍सप्रेस-वे पर 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाया गया है। इस कॉरिडोर का निर्माण करते समय नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने जंगली जानवरों से वाहनों की सुरक्षा और वाहनों से जंगली जानवरों की सुरक्षा का पूरा ख्‍याल रखा है। इस कॉरिडोर में करीब आठ सौ हाई मास्‍ट लाइटें तो लगाई गई हैं लेकिन इस बात का विशेष ध्‍यान रखा गया है कि उनकी रोशनी से जंगल में कोई डिस्‍टरबेंस न हो। इसके साथ ही वाहनों की लाइट से होने वाली रोशनी भी केवल एक्‍सप्रेस-वे तक ही सीमित रहेगी।

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एक्सप्रेस-वे पर किए गए हैं पुख्‍ता सुरक्षा बंदोवस्‍त

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दिल्‍ली से देहरादून को जोडने वाले इस 210 किमी लंबे एक्‍सप्रेस-वे पर पूरे सुरक्षा बंदोवस्‍त किए गए हैं। हर 25 से 30 किमी के बाद रेस्‍ट जॉन बनाए गए हैं। वाहन चालक थकान महसूस करें तो यहां आराम फरमाने के बाद आगे का सफर तय कर सकते हैं। दिल्‍ली- देहरादून एक्‍सप्रेस-वे भारतमाला का हिस्‍सा है। छह लेन के इस एक्‍सप्रेस- वे को भविष्‍य में आठ लेन भी किया जा सकेगा। यह एक्सप्रेस-वे से दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी घटकर मात्र ढाई घंटे रह जाएगी। अभी इस दूरी को तय करने में करीब साढे पांच घंटे का समय लगता है।

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भारतीय वन्यजीव संस्थान की तकनीक हुई प्रयोग

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दिल्‍ली- देहरादून एक्‍सप्रेस-वे को साउंड प्रूफ बनाने के लिए एनएचएआई ने भारतीय वन्‍यजीव संस्‍थान का सहयोग लिया है। वन्‍यजीव संस्‍थान के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई तकनीक का इस्‍तेमाल करते हुए इस एक्‍सप्रेस-वे को खास बनाया गया है। साउंड प्रूफ तकनीक एक्‍सप्रेसवे पर दौड़ने वाले वाहनों से जानवर प्रभावित नहीं होंगे। बता दें कि उत्‍तराखंड की सीमा में राजाजी और शिवालिक जंगलों में जंगली जानवर घूमते रहते हैं, जो कई बार यातायात में भी अवराेध उत्‍पन्‍न करते हैं, लेकिन इस एक्‍सप्रेसवे में ऐसी कोई समस्‍या नहीं होगी।

अगले माह पीएम कर सकते हैं लोकार्पण

दिल्‍ली- देहरादून एक्‍सप्रेस-वे बनकर तैयार है। पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करने वाले थे लेकिन अ‍ंंतिम समय में लोकार्पण टल गया और उसके बाद दिल्‍ली विधानसभा चुनाव की घोषणा के चलते लोकार्पण फंस गया। माना जा रहा है कि दिल्‍ली विधानसभा चुनाव के बाद फरवरी में ही प्रधानमंत्री एक्‍सप्रेसवे का लोकार्पण करेंगे। यानि इस एक्‍सप्रेसवे के जरिए इस बार उत्‍तराखंड में छुट्टियों के साथ फर्राटेदार ड्राइव का भी मजा लिया जा सकेगा।

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