नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र एक बार फिर
प्रदूषण की चपेट में आ गया है। गुरुवार को अचानक बदले मौसम और धूल भरी हवाओं ने दिल्ली की हवा को जहरीला बना दिया। आसमान में चारों ओर धूल का असर देखने को मिला, जिससे दृश्यता (विजिबिलिटी) में भारी गिरावट आई और लोगों को सांस लेने में भी कठिनाई हुई।
पाकिस्तान और राजस्थान से आई धूल भरी हवाएं
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार उत्तर पाकिस्तान और राजस्थान के इलाकों से उठी धूल भरी
हवाएं पंजाब और हरियाणा होते हुए दिल्ली-एनसीआर में प्रवेश कर गईं। इन हवाओं की वजह से दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। कई इलाकों में पीएम10 और पीएम 2.5 जैसे प्रदूषक तत्व सामान्य सीमा से 20 गुना अधिक दर्ज किए गए। पालम और सफदरजंग क्षेत्रों में दृश्यता घटकर सिर्फ 1200 मीटर रह गई जो सामान्य दिनों में 4500 मीटर तक होती है। आईएमडी वैज्ञानिक डॉ. अखिल श्रीवास्तव के अनुसार, यह धूल पश्चिमी हवाओं के साथ दिल्ली तक पहुंची और अब धीरे-धीरे पूर्वी दिशा की ओर बढ़ रही है। हालांकि, राहत की बात यह है कि यह धूल धीरे-धीरे वातावरण में बैठने लगी है और आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार की संभावना है।
16 मई को बारिश की संभावना
विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश या गरज-चमक वाली गतिविधियों से धूल जल्दी बैठ जाती है। मौसम विभाग ने 16 मई को दिल्ली में तेज हवाओं (30-50 किमी/घंटा) और हल्की बारिश की संभावना जताई है। इसके अलावा, अगले चार से पांच दिनों तक दिल्ली-एनसीआर में बादल छाए रहने और 25-35 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने का पूर्वानुमान है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और मास्क पहनकर ही बाहर जाएं, खासकर अस्थमा व सांस संबंधी रोगों से पीड़ित लोग विशेष सावधानी बरतें। delhi ncr, delhi ncr pollution