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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। केंद्र सरकार ने देश में डिजिटल कृषि अवसंरचना को मजबूती देने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए ₹6000 करोड़ के विशेष केंद्रीय सहायता (SCA) पैकेज की घोषणा की है। इस पहल के तहत महाराष्ट्र, केरल, बिहार और ओडिशा राज्यों के साथ एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह घोषणा केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित 'नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एग्री स्टैक: टर्निंग डेटा इंटू डिलीवरी' के दौरान की गई।
किसानों को मिलेगा डिजिटल लाभ
इस सम्मेलन में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने राज्यों से आग्रह किया कि वे किसान रजिस्ट्री को रिकॉर्ड ऑफ राइट्स (RoR) से अपडेट करते हुए जोड़ें और डिजिटल डेटा का उपयोग योजनाओं के वितरण और व्यक्तिगत कृषि सेवाओं के लिए करें। उन्होंने पारदर्शी और किसान-केंद्रित शासन के लिए तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया।
एग्री स्टैक और डिजिटल सेवाओं की जानकारी
कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (Digital) प्रमोद कुमार मेहेरदा ने एग्री स्टैक के तहत किसान आईडी को पीएम किसान, पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY), किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जैसी प्रमुख योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने जियो-रेफरेंसिंग, डेटा क्वालिटी और यूनिफाइड फार्मर सर्विस इंटरफेस (UFSI) अनुपालन की आवश्यकता पर बल दिया।
नई डिजिटल सेवाएं और AI टूल्स की शुरुआत
सम्मेलन में डिजिटल रूप से सत्यापन योग्य प्रमाण पत्र (DVCs) और किसान प्राधिकरण प्रणाली जैसे नए टूल्स का भी परिचय कराया गया, जिससे किसान अपनी भूमि व फसल की जानकारी सुरक्षित और चयनात्मक रूप से साझा कर सकें। साथ ही एग्री स्टैक पर आधारित एक मल्टी-लैंग्वेज AI चैटबॉट भी पेश किया गया, जिसे Google Gemini की मदद से विकसित किया गया है। यह किसानों के सवालों का जवाब देने में सक्षम है।
₹6000 करोड़ का आवंटन और उपयोग
घोषित ₹6000 करोड़ में से ₹4000 करोड़ किसान रजिस्ट्री (जिसमें कानूनी उत्तराधिकारी प्रणाली भी शामिल है) के लिए और ₹2000 करोड़ डिजिटल फसल सर्वे के लिए प्रथम-आधार पर राज्यों को दिए जाएंगे। यह सहयोग विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को डिजिटल क्रेडिट सेवाएं आसान पहुंच दिलाने में मदद करेगा।
तकनीकी सत्र और राज्यों की भागीदारी
तकनीकी सत्रों में राज्यों के स्तर पर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, डेटा क्वालिटी के गैप्स को दूर करने, और DCS मानकों के अनुपालन पर चर्चा की गई। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक ने एग्री स्टैक उपयोग पर अपने अनुभव साझा किए। साथ ही, फेस ऑथेंटिकेशन, क्रॉप आइडेंटिफिकेशन, और AI आधारित डेटा सत्यापन टूल्स के पायलट भी चलाए जा रहे हैं।