/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/23/befunky-collage-2025-08-23-12-23-00.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: बैंक लोन फ्रॉड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उद्योगपति अनिल अंबानी के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार सुबह से मुंबई में करीब सात स्थानों, जिनमें अंबानी का घर और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी जारी है। इससे पहले ईडी ने इस मामले में अनिल अंबानी से घंटों पूछताछ भी की थी। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई हजारों करोड़ के बैंक लोन घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस पहले से दिवालिया प्रक्रिया में
रिलायंस कम्युनिकेशंस फिलहाल दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 (आईबीसी ) के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से गुजर रही है। रिलायंस कम्युनिकेशंस के लिए समाधान योजना को पहले ही लेनदारों की समिति (सीओसी) द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है और यह योजना 6 मार्च 2020 को एनसीएलटी मुंबई में दाखिल की गई थी। एसबीआई ने अनिल अंबानी के खिलाफ भी आईबीसी के तहत व्यक्तिगत दिवाला कार्यवाही शुरू की है, जो एनसीएलटी मुंबई में विचाराधीन है। बैंक ने पहले 10 नवंबर 2020 को रिलायंस कम्युनिकेशंस के खाते और प्रमोटर को 'धोखाधड़ी' घोषित किया था और इसके बाद 5 जनवरी 2021 को CBI में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 6 जनवरी 2021 को यथास्थिति आदेश दिए जाने के बाद वह शिकायत वापस ले ली गई थी।
धोखाधड़ी वर्गीकरण को पहले पलटा गया, फिर दोबारा लागू किया गया
बाद में 27 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि किसी भी खाते को 'धोखाधड़ी' घोषित करने से पहले उधारकर्ता को जवाब देने का अवसर दिया जाना चाहिए। इसी के चलते एसबीआई ने 2 सितंबर 2023 को अपने फैसले को पलट दिया। हालांकि, 15 जुलाई 2024 को आरबीआई के नए सर्कुलर के अनुसार प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई और जरूरी सुनवाई के बाद खाते को फिर से 'धोखाधड़ी' के रूप में वर्गीकृत कर दिया गया। सीबीआई अब रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी से जुड़े परिसरों में सबूत जुटाने में लगी है, जिसमें वित्तीय लेन-देन, बैंक गारंटी, और ऋण दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इस कार्रवाई में अनिल अंबानी के अलावा, उनके सहयोगियों के ठिकाने भी शामिल हैं।