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नई दिल्लीी,वाईबीएन डेस्क:ED ने साइबर धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में गुजरात और महाराष्ट्र में व्यापक छापेमारी की है। यह कार्रवाई 100 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धन शोधन की जांच के तहत की गई है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ED के सूरत उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत गुजरात के सूरत और अहमदाबाद के साथ ही मुंबई में इस मामले की तहकीकात के लिए छापेमारी की।
संदिग्धों पर आरोप
जांच के दौरान मकबूल डॉक्टर काशिफ डॉक्टर, बासम डॉक्टर, महेश मफतलाल देसाई, माज अब्दुल रहीम नाडा सहित कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ गुजरात पुलिस की प्राथमिकी सामने आई है। आरोप है कि ये आरोपी साइबर धोखाधड़ी के विभिन्न हथकंडे अपनाकर आम लोगों को अपना शिकार बनाते थे। इनमें नकली यूएसडीटी ट्रेडिंग (क्रिप्टो मुद्रा से जुड़ी धोखाधड़ी), ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को फर्जी नोटिस भेजना और सरकारी एजेंसियों का नाम लेकर धमकाना शामिल है।
धोखाधड़ी के तरीकों की गहराई
सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने भोले-भाले लोगों से इस तरह से पैसा ऐंठा कि वे इसे बाद में ‘डमी’ व्यक्तियों के केवाईसी (Know Your Customer) दस्तावेजों या नकली केवाईसी के आधार पर खोले गए बैंक खातों में जमा करते थे। इसके बाद, यह अवैध धन विभिन्न ‘अंगड़िया’ या हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया जाता था। जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी विदेशों में करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भेज चुके हैं।
साइबर धोखाधड़ी का बढ़ता जाल
डिजिटल दुनिया में तेजी से बढ़ती साइबर अपराध की घटनाएं कानून-व्यवस्था के लिए नई चुनौतियां पैदा कर रही हैं। ऐसे मामलों में डिजिटल तकनीकों का दुरुपयोग कर अपराधी आम जनता को झांसे में लेते हैं। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए सभी संबंधित बिंदुओं की जांच कर रहा है ताकि अपराधी पनाह न पा सकें। ED ने छापेमारी के दौरान प्राप्त साक्ष्यों और दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारी हो सकती है। साथ ही, धन के स्रोत और स्थानांतरण के तारों को भी जोड़ा जा रहा है ताकि साइबर धोखाधड़ी के नेटवर्क का पूरा खुलासा हो सके।