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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क:निर्वाचन आयोग ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 334 पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को अपनी आधिकारिक सूची से हटा दिया। आयोग के अनुसार, इन दलों ने 2019 से बीते छह वर्षों के दौरान किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया और ना ही इनके कार्यालयों का कोई पता लगाया जा सका।
चुनाव आयोग ने 345 दलों की समीक्षा शुरू की
चुनाव आयोग ने बताया कि ये सभी राजनीतिक दल देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित हैं। इस कार्रवाई के बाद पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) की कुल संख्या 2,854 से घटकर अब 2,520 रह गई है। फिलहाल देश में 6 राष्ट्रीय और 67 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दल सक्रिय हैं। सूत्रों के अनुसार, जून 2025 में चुनाव आयोग ने 345 दलों की समीक्षा शुरू की थी, जिनमें से 334 को अयोग्य मानते हुए हटा दिया गया। यह कदम आयोग द्वारा निष्क्रिय दलों को सूची से हटाने की प्रक्रिया का हिस्सा है, जो पहले भी 2001 के बाद तीन से चार बार की जा चुकी है।
और भी सख्त होगी अब निगरानी
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट पहले यह स्पष्ट कर चुका है कि निर्वाचन आयोग को किसी दल की मान्यता रद्द करने का कानूनी अधिकार नहीं है। इसके बावजूद, आयोग ने ‘सूची से हटाने’ का वैकल्पिक रास्ता अपनाया है। एक पूर्व चुनाव अधिकारी के अनुसार, यदि कोई दल भविष्य में सक्रियता दिखाता है, तो उसे बिना नई मान्यता प्रक्रिया के फिर से सूचीबद्ध किया जा सकता है। पिछले वर्षों में कुछ गैर-मान्यता प्राप्त दलों को आयकर और मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों के उल्लंघन में भी लिप्त पाया गया था, जिसके चलते इनकी निगरानी और अधिक सख्त की जा रही है।