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UP News: अखिलेश यादव बोले, जो मतदाता सूची पिछले जून में सही थी, वो इस जून में गलत कैसे हो सकती है?

सपा मुखिया ने बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची की गहन समीक्षा किए जाने पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्‍होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मतदाता सूची के सत्‍यापन कार्य में स्‍वयंसेवकों की भर्ती न हो।

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Vivek Srivastav
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अखिलेश यादव का फाइल फोटो। Photograph: (सोशल मीडिया)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पिछले दिनों निर्वाचन आयोग ने छह राज्‍यों में मतदाता सूचियों की गहन समीक्षा करने का फैसला किया है, ताकि लोगों के जन्‍म स्‍थान की जांच कर विदेशी अवैध प्रवास‍ियों को सूची से बाहर किया जा सके। गहन समीक्षा की शुरुआत बिहार से होगी, क्‍योंकि वहां इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं जबकि पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहां समीक्षा का कार्य बाद में शुरू किया जाएगा। हालांकि इसे लेकर विपक्षी दलों ने अभी से विरोध जताते हुए हल्‍ला मचाना शुरू कर दिया है। उनका आरोप है कि गहन समीक्षा के बहाने सरकार मतदाताओं को सूची से बाहर करने का प्रयास कर सकती है। समाजवादी पार्टी(samajwadi party) के मुखिया व प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी इस मसले पर सरकार पर सियासी हमला किया है। 

सत्‍यापन कार्य में लगाए जाने वालों की जांच हो

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया 'एक्‍स' के जरिए सरकार पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा है कि सबसे पहले उन 'स्वयंसेवकों' की पहचान उजागर की जाए, जिनको बिहार व बंगाल में मतदाताओं के सत्यापन कार्य में लगाने की योजना रची जा रही है। अखिलेश ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वो  'स्वयंसेवक' सत्ता पक्ष और उनके संगी-साथी से संबंधित किसी भी संगठन, मुख्यालय या शाखा से जुड़े हुए लोग नहीं हैं। उनके सोशल मीडिया एकाउंट्स की छानबीन करके ये निश्चित किया जाए कि वो किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध लोग नहीं हैं। 

हार के डर से सत्‍तापक्ष ऐसा कर रहा

सपा मुखिया(akhilesh yadav) ने कहा कि संदिग्ध 'स्वयंसेवकों' को किसी भी सूरत में इस जालसाजी का हिस्सा न बनने दिया जाए, चाहे इसके लिए कोर्ट का दरवाजा ही क्यों न खटखटाना पड़े। उन्‍होंने कहा कि चुनाव आयोग को मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण का अधिकार है, लेकिन ये कहीं नहीं लिखा है और न ही इसका कहीं कोई उदाहरण है कि उसमें आम लोगों को इस तरह 'स्वयंसेवक' बनाया जाएगा। अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि जो मतदाता सूची पिछले जून में सही थी, वो इस जून में गलत कैसे हो सकती है? उन्‍होंने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष हार के डर से ऐसा कर रहा है लेकिन बिहार, प. बंगाल और कल को उप्र में इस चालबाजी से भले कुछ वोट कम हो जाएं, लेकिन भाजपा हारेगी और हमेशा के लिए हारेगी। 

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