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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित 5, कृष्ण मेनन मार्ग पर स्थित सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के आधिकारिक आवास को आखिरकार खाली कर दिया है। वह 8 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे, लेकिन निर्धारित समयसीमा के बाद भी उस आवास में रह रहे थे, जिसको लेकर हाल ही में विवाद खड़ा हो गया था।
नए घर में सामान हुआ शिफ्ट
पूर्व CJI चंद्रचूड़, अपनी पत्नी कल्पना और दिव्यांग बेटियों प्रियंका और माही के साथ उस आवास में रह रहे थे। उन्होंने पहले ही स्पष्ट किया था कि उन्होंने अपना सामान बांध लिया है और वे शीघ्र ही किराये के सरकारी आवास में स्थानांतरित होने वाले हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सामान का कुछ हिस्सा पहले ही नए घर में भेजा जा चुका है और बाकी अस्थायी रूप से भंडारण कक्ष में रखा गया है।
14 तुगलक रोड स्थित बंगले में लौटने की योजना बना रहे
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रचूड़ ने कहा कि वह इस मुद्दे से दुखी हैं और उन्होंने बेटियों की विशेष चिकित्सा आवश्यकताओं का हवाला दिया, जिनके लिए व्हीलचेयर-अनुकूल आवास जरूरी था। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने तत्कालीन CJI और अपने उत्तराधिकारी जस्टिस संजीव खन्ना से बातचीत में यह भी बताया था कि वे पहले जहां रहते थे, यानी 14 तुगलक रोड स्थित बंगले में लौटने की योजना बना रहे हैं। लेकिन जस्टिस खन्ना ने उन्हें वही आवास जारी रखने की अनुमति दी, क्योंकि वे स्वयं वहां नहीं रहना चाहते थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने 1 जुलाई को केंद्र सरकार को पत्र भेजकर कहा कि पूर्व CJI तय अवधि से अधिक समय तक सरकारी आवास में रह रहे हैं और संपत्ति को खाली कराने का अनुरोध किया। अब पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने वह आवास औपचारिक रूप से खाली कर दिया है। CJI