गांधीनगर , वाईबीएन नेटवर्क
उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की तैयारी हो रही है। राज्य सरकार ने इस दिशा में पहला कदम भी बढ़ा भी दिया है। यदि गुजरात में UCC लागू होता है तो उत्तराखंड के बाद गुजरात दूसरा ऐसा राज्य होगा जहां यह कानून लागू होगा। दूसरी ओर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि इस कानून को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से गंभीर है और समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने और कानून बनाने की दिशा में प्रयास शुरु हो गए हैं। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है। यह समिति 45 दिनों में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके आधार पर सरकार ठोस निर्णय लेगी।
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पीएम मोदी के संकल्प को पूरा कर रहे
मुख्यमंत्री पटेल ने आगे कहा कि हमारा संविधान नागरिकों के कर्तव्यों को पूरा करने के लिए है और संविधान के अनुरूप हम दिशा में काम करेंगे। 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम संविधान के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। पीएम मोदी की साफ मंशा है कि पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू हो, ताकि सभी को समान अधिकार मिल सके। सीएम पटेल ने कहा अनुच्छेद 370 को खत्म करने और तीन तलाक मुद्दे पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और तीन तलाक को खत्म कर वादे पूरे किए जा रहे हैं। अब हम गुजरात में पीएम मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। सरकार सभी के लिए समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।
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45 दिनों में रिपोर्ट देगी समिति
दूसरी ओर गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि UCC को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है। UCC लागू करने से पहले सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता संविधान की वह भावना है जो समरसता और समानता लाएगी। राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले, इसके लिए सीएम भूपेंद्रभाई पटेल ने यूसीसी समिति के गठन का एलान कर दिया है। इस कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई करेंगी। इसके अलावा इस समिति में सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सीएल मीना, अधिवक्ता आरसी कोडेकर, पूर्व कुलपति दक्षेश ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीता श्रॉफ को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस समिति को अगले 45 दिनों में इस पर विस्तृत शोध करने और सरकार को एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
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उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य
हाालंकि इस महीने की शुरुआत में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने वाला पहला राज्य बना था। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता का उल्लेख किया था। हालांकि उत्तराखंड में इस कानून को लेकर काफी राजनीति भी हुई थी लेकिन बीजेपी ने विपक्ष के दावों को दरकिनार करते हुए इसको अमलीजामा पहना दिया। राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने राज्य की जनता से UCC का वादा किया था जिसे पूरा करके दिखा दिया।
UCC के प्रावधान
- UCC के अनुसार विवाह और तलाक के लिए एक कानून रहेगा। एक पुरुष और महिला के बीच विवाह तभी हो सकता है जब वे विवाह के लिए योग्य हों। विवाह के समय दोनों पक्षों में से किसी का भी कोई जीवित जीवनसाथी न हो।
- इस कानून के अनुसार पुरुष की कानूनी विवाह आयु 21 वर्ष और महिला की 18 वर्ष होनी चाहिए।
विवाह पंजीकरण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से कराया जा सकता है।
राज्य सरकार विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्रार और उप-रजिस्ट्रार नियुक्त करेगी।
- वसीयतनामा को लेकर UCC में साफ दिशा निर्देश दिए गए हैं।