पानी पर रार: Bhakra Dam Dispute पर Haryana की सर्वदलीय एकजुटता, Punjab का विरोध बरकरार
हरियाणा को भाखड़ा डैम से पानी न देने के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, जेजेपी, INLD, AAP सहित सभी दलों ने एकजुट होकर सरकार का समर्थन किया, वहीं पंजाब सरकार ने केंद्र के निर्देशों को न मानते हुए बीबीएमबी बैठक का बहिष्कार किया।
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भाखड़ा नांगल डैम से हरियाणा को पानी दिए जाने के विवाद के बीच शनिवार को हरियाणा सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, INLD, JJP, आम आदमी पार्टी समेत तमाम राजनीतिक दलों ने पानी के मुद्दे पर एकजुट होकर राज्य सरकार का समर्थन किया। वहीं दूसरी ओर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र के निर्देशों को नजरअंदाज करते हुए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की बैठक का बहिष्कार किया। पंजाब सरकार ने BBMB चेयरमैन को पत्र लिखकर रेगुलेशन 1976 की धारा-7 के तहत 7 दिन पूर्व नोटिस न मिलने का हवाला देते हुए बैठक स्थगित करने की मांग की।पंजाब ने यह भी स्पष्ट किया कि सोमवार को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है, जिसमें BBMB द्वारा हरियाणा को 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने के निर्णय पर चर्चा की जाएगी।
Photograph: (Google)
BBMB की बैठक में बिना पंजाब-हिमाचल के लिए फैसले
पंजाब और हिमाचल की गैरमौजूदगी में करीब एक घंटे तक चली BBMB बैठक में निर्णय लिया गया कि चेयरमैन पंजाब सरकार से समन्वय करेंगे और नंगल डैम से पंजाब का नियंत्रण हटाने का अनुरोध करेंगे। साथ ही हरियाणा को 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने की मांग भी दोहराई गई।
हरियाणा की बैठक से प्रस्ताव पारित
हरियाणा की सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि 23 और 30 अप्रैल को BBMB की तकनीकी व बोर्ड बैठकों में लिए गए फैसलों को तुरंत लागू किया जाए और हरियाणा के हिस्से पर लगी रोक हटाई जाए। साथ ही एसवाईएल नहर के शीघ्र निर्माण की मांग की गई।
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मुख्यमंत्री नायब सैनी बोले
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि दिल्ली चुनाव में हार का बदला लेने के लिए पंजाब की AAP सरकार ने हरियाणा के हिस्से का पानी रोका है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हरियाणा भी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएगा और प्रधानमंत्री से मिलकर बात करेगा।
17% कम पानी मिल रहा हरियाणा को
सीएम सैनी ने बताया कि हरियाणा को उसकी आवंटित 12.55 MAF पानी में से केवल 10.67 MAF मिल रहा है, यानी 1.88 MAF पानी SYL न बनने के कारण नहीं मिल रहा। दूसरी ओर, पंजाब अपनी तय 14.67 MAF सीमा से अधिक, 17.15 MAF पानी का इस्तेमाल कर रहा है। सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, जींद और भिवानी में पीने के पानी की भारी कमी है। इन जिलों को 4931.9 करोड़ लीटर की आवश्यकता है, जबकि केवल 764.8 करोड़ लीटर पानी उपलब्ध है — जो मांग का केवल 15.5% है।
सीएम पंजाब ने क्या कहा
जालंधर में एक कार्यक्रम के दौरान भगवंत मान ने कहा, "पानी के लिए पंजाब में कत्ल हो जाते हैं। हम एक बूंद भी पानी नहीं देंगे।" उन्होंने खेती के समय की घटनाओं का हवाला देते हुए पंजाब के किसानों की गंभीरता दर्शाई। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल को मिलकर जल विवाद पर बैठकर निर्णय लेना चाहिए ताकि किसी के हक का हनन न हो।
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