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घर में ही तकरार : डेलीगेशन में Gogoi के शामिल करने पर CM हिमंता ने उठाए सवाल

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ऑपरेशन सिंदूर डेलीगेशन में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के शामिल होने पर सवाल उठाए। गोगोई ने आरोपों को खारिज कर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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Dhiraj Dhillon
Congress MP Gaurav Gogoi & Assam chief minister Himanta Biswa Sarma

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विदेश जाने वाले डेलीगेशन में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के शामिल होने पर सवाल उठाए हैं। यह डेलीगेशन दुनिया भर में पाकिस्तान के काले कारनामों और आतंकवाद के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने  ट्वीट किया, "सूची में नामित सांसदों में से एक (असम से) ने पाकिस्तान में अपने लंबे समय तक रहने से इंकार नहीं किया है, कथित तौर पर दो सप्ताह तक वह पाकिस्तान में रहे और विश्वसनीय दस्तावेजों से पता चलता है कि उनकी पत्नी भारत में काम करते हुए पाकिस्तान स्थित एक NGO से वेतन ले रही थीं। सीएम ने लोक‌सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से राष्ट्रीय हित में गौरव गोगोई को डेलीगेशन में न शामिल करने का आग्रह किया है।
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गोगोई ने खारिज किए मुख्यमंत्री के आरोप

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर पाकिस्तान से कथित संबंधों का आरोप लगाया है, जिसे गोगोई ने खारिज किया है। गोगोई ने इन आरोपों को राजनीतिक प्रेरणा से प्रेरित बताते हुए खारिज किया है और कानूनी कार्रवाई की बात कही है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से जुड़ा है, जिससे चुनावी राजनीति पर असर पड़ सकता है। गोगोई ने इन आरोपों को "हंसने लायक" और चुनावी समय में उभरने वाली रणनीति बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार ने कभी पाकिस्तान का दौरा किया, और उनकी पत्नी या परिवार ने पाकिस्तान से कोई वित्तीय सहायता नहीं ली। गोगोई ने इस मामले में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
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असम में आ सकता है सियासी भूचाल

यह विवाद असम और राष्ट्रीय राजनीति में नए भूचाल की वजह बन सकता है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी संबंधों पर सवाल उठाता है, जिससे राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस हो सकती है। इस मामले को हिमंत बिस्वा सरमा और गौरव गोगोई के आपसी राजनैति‌क विवाद से भी जोड़कर देखा रहा है। बता दें कि 2015 से पहले हिमंता बिस्वा भी कांग्रेस में ही थे, उसके बाद भाजपा में शामिल हो गए। वह गौरव गोगोई के पिता, पूर्व असम मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के करीबी सहयोगी थे। हालांकि राजनीतिक मतभेदों के कारण उनका रिश्ता गोगोई परिवार से खटास में आ गया था। इस खटास की वजह भी गौरव गोगोई को उनके पिता के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाना ही था।

सितंबर तक सबूत पेश करेंगे ः हिमंत बिस्वा

सरमा के आरोपों में दो मुख्य बिंदु शामिल हैं। गोगोई का कथित रूप से पाकिस्तान में 15 दिन का प्रवास करना,  जिसे उन्होंने अधिकारियों को सूचित किए बिना किया। उनकी पत्नी, एलिजाबेथ कोलबर्न गोगोई, का एक पाकिस्तानी एनजीओ से वेतन लेना, जबकि वे भारत में काम कर रही हालांकि, इन दावों के लिए ठोस सबूत अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, और सरमा ने कहा है कि इन सबूतों के संबंध में वे सितंबर, 2025 तक और सबूत पेश करेंगे। 
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