Advertisment

Holi in Mathura: ब्रज में मनाई जाती 40 दिनों तक होली, राधा दामोदर मंदिर में हुआ इसका आगाज, श्रद्धालुओं ने लगाया एक-दूजे को गुलाल

मथुरा के वृंदावन स्थित ठाकुर श्री राधा दामोदर मंदिर में रंगीली महोत्सव का आगाज हो गया है। मंदिर परिसर में ब्रज की गोपियों ने होली के गीत गाए। इस दौरान देश-विदेश से आए भक्त होली के रंग में सराबोर दिखाई दिए।  

author-image
YBN News
mathuraholi

mathuraholi Photograph: (ians)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मथुरा, आईएएनएस

मथुरा के वृंदावन स्थित ठाकुर श्री राधा दामोदर मंदिर में रंगीली महोत्सव का आगाज हो गया है। मंदिर परिसर में ब्रज की गोपियों ने होली के गीत गाए। इस दौरान देश-विदेश से आए भक्त होली के रंग में सराबोर दिखाई दिए।  

Advertisment

यह भी पढ़ें:Holi से पहले Laddu Gopal को आया यह विशेष उपहार, Krishna जन्मभूमि से भेजा गया अबीर-गुलाल

आज से मंदिर में होली का आगाज

मंदिर सेवायत आचार्य कृष्ण बलराम गोस्वामी ने बातचीत में बताया कि आज से मंदिर में होली का आगाज हो गया है। मंदिर परिसर में ब्रज की महिलाओं द्वारा होली के गीतों का गायन किया गया। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण और राधा के स्वरूपों के साथ फूल की होली का भी आयोजन हुआ है। यह उत्सव मंदिर की मां गोसाई आचार्या तरूलता गोस्वामी के सानिध्य में मनाया गया है।

Advertisment

यह भी पढ़ें: Lathmar Holi in Barsana: देश- विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे, जानिए इसकी खास बातें

ब्रज में मनाई जाती है 40 दिनों तक होली 

उन्होंने कहा, "ब्रज में 40 दिनों तक होली मनाई जाती है, जिसमें बरसाना, नंदगाव समेत कई क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से होली मनाई जाती है। आज रंगभरी एकादशी है और इस दिन बिहारी जी भक्तों के साथ होली खेलना शुरू कर देते हैं। ठाकुर जी अलग-अलग तरीकों से होली खेलते हैं। यहां जैसी होली पूरे विश्व में कहीं भी नहीं मनाई जाती है। यहां की होली में ठाकुर जी का रंग और प्रेम भी झलकता है।"

Advertisment

यह भी पढ़ें: बिहार की धरती पर अब मां जानकी की भक्ति जगेगी और 'सियापति रामचंद्र की जय' होगा : विजय सिन्हा

बरसाना की होली खेलने आईं श्रद्धालु कीर्ति सुदर्शन सेन ने कहा कि मैं राजस्थान से पहली बार यहां आई हूं और यहां की होली खेलकर मुझे स्वर्ग के दर्शन हो गए हैं। मैंने ऐसी होली कभी नहीं खेली है और यहां आने के बाद ऐसा लग रहा है कि हर साल यहां की होली ही मनाई जाए।

प्राचीन परंपरा के अनुसार

Advertisment

श्रद्धालु अंतिमा ने बातचीत में कहा कि बरसाना की होली का अहसास अलग ही होता है। यहां आकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि खुद ठाकुर जी ही सभी को गुलाल लगा रहे हैं।

यह भी पढ़ें: Holi: मथुरा के संतों ने ब्रज की होली में मुस्लिमों के बैन की मांग का भाजपा विधायक ने किया समर्थन

प्राचीन परंपरा के अनुसार, ठाकुर जी को होली के रसिया अनुरूप पोशाक धारण कराई जाती है और ब्रज के पारंपरिक मिष्ठान जैसे गुजिया, जलेबी, मालपुआ, शकरपारे, रबड़ी, गुड़ निर्मित मिठाइयां, मठरी, कचौरी, पूड़ी का भोग लगाया जाता है। यह भोग ठाकुर जी को होली तक लगाया जाता है।

Advertisment
Advertisment