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Holi in Mathura: ब्रज में मनाई जाती 40 दिनों तक होली, राधा दामोदर मंदिर में हुआ इसका आगाज, श्रद्धालुओं ने लगाया एक-दूजे को गुलाल

मथुरा के वृंदावन स्थित ठाकुर श्री राधा दामोदर मंदिर में रंगीली महोत्सव का आगाज हो गया है। मंदिर परिसर में ब्रज की गोपियों ने होली के गीत गाए। इस दौरान देश-विदेश से आए भक्त होली के रंग में सराबोर दिखाई दिए।  

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YBN News
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mathuraholi Photograph: (ians)

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मथुरा, आईएएनएस

मथुरा के वृंदावन स्थित ठाकुर श्री राधा दामोदर मंदिर में रंगीली महोत्सव का आगाज हो गया है। मंदिर परिसर में ब्रज की गोपियों ने होली के गीत गाए। इस दौरान देश-विदेश से आए भक्त होली के रंग में सराबोर दिखाई दिए।  

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आज से मंदिर में होली का आगाज

मंदिर सेवायत आचार्य कृष्ण बलराम गोस्वामी ने बातचीत में बताया कि आज से मंदिर में होली का आगाज हो गया है। मंदिर परिसर में ब्रज की महिलाओं द्वारा होली के गीतों का गायन किया गया। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण और राधा के स्वरूपों के साथ फूल की होली का भी आयोजन हुआ है। यह उत्सव मंदिर की मां गोसाई आचार्या तरूलता गोस्वामी के सानिध्य में मनाया गया है।

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ब्रज में मनाई जाती है 40 दिनों तक होली 

उन्होंने कहा, "ब्रज में 40 दिनों तक होली मनाई जाती है, जिसमें बरसाना, नंदगाव समेत कई क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से होली मनाई जाती है। आज रंगभरी एकादशी है और इस दिन बिहारी जी भक्तों के साथ होली खेलना शुरू कर देते हैं। ठाकुर जी अलग-अलग तरीकों से होली खेलते हैं। यहां जैसी होली पूरे विश्व में कहीं भी नहीं मनाई जाती है। यहां की होली में ठाकुर जी का रंग और प्रेम भी झलकता है।"

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बरसाना की होली खेलने आईं श्रद्धालु कीर्ति सुदर्शन सेन ने कहा कि मैं राजस्थान से पहली बार यहां आई हूं और यहां की होली खेलकर मुझे स्वर्ग के दर्शन हो गए हैं। मैंने ऐसी होली कभी नहीं खेली है और यहां आने के बाद ऐसा लग रहा है कि हर साल यहां की होली ही मनाई जाए।

प्राचीन परंपरा के अनुसार

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श्रद्धालु अंतिमा ने बातचीत में कहा कि बरसाना की होली का अहसास अलग ही होता है। यहां आकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि खुद ठाकुर जी ही सभी को गुलाल लगा रहे हैं।

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प्राचीन परंपरा के अनुसार, ठाकुर जी को होली के रसिया अनुरूप पोशाक धारण कराई जाती है और ब्रज के पारंपरिक मिष्ठान जैसे गुजिया, जलेबी, मालपुआ, शकरपारे, रबड़ी, गुड़ निर्मित मिठाइयां, मठरी, कचौरी, पूड़ी का भोग लगाया जाता है। यह भोग ठाकुर जी को होली तक लगाया जाता है।

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