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सीजेआई Sanjiv Khanna का कार्यकाल खत्म, बोले- "मैं रिटायरमेंट के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करूंगा"

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना आज,13 मई को रिटायर हो गए। न्यायिक परंपरा के अनुसार, न्यायमूर्ति खन्ना अपने उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई के साथ एक औपचारिक पीठ पर बैठें।

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Jyoti Yadav
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना आज,13 मई को रिटायर हो गए। न्यायिक परंपरा के अनुसार, न्यायमूर्ति खन्ना अपने उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई के साथ एक औपचारिक पीठ पर बैठें।  भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 51वें मुख्य न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 18 जनवरी, 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत हुए उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष का पद संभाला। डीवाई चंद्रचूड के बाद 11 नवंबर को संजीव खन्ना ने सीजेआई का पद संभाला था।  

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अपने भाषण में क्या बोले संजीव खन्ना

करीब 6 महीने तक सीजेआई रहे संजीव खन्ना का सुप्रीम कोर्ट में लगभग साढ़ें पांच सालों का कार्यकाल रहा। रिटायरमेंट से पहले ही उन्होंने आज साफ कर दिया कि वे रिटायरमेंट के बाद कोई भी पद स्वीकार नहीं करेंगे। लेकिन कानून के क्षेत्र में अपनी मौजूदगी जरूर बनाएं रखेंगे। जस्टिस संजीव खन्ना ने सेवानिवृत्ति से पहले अपने बयान में कहा कि “एक जज में न्यायिक सोच के साथ-साथ निर्णायक और निर्णयात्मक क्षमता होनी चाहिए।”हम किसी भी मामले में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हैं और फिर तर्कसंगत तरीके से फैसला लेते हैं।

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इन बड़े फैसलों का हिस्सा रह चुके हैं खन्ना

जस्टिस संजीव खन्ना अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने वाले मामले में बेंच का नेतृत्व किया, वहीं इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक घोषित करने वाले बहुचर्चित फैसले में भी वह शामिल रहे। इसके अलावा, जस्टिस खन्ना हाल ही में मंदिर-मस्जिद भूमि विवाद में किसी भी नए सर्वे पर रोक लगाने, वक्फ संशोधन कानून में मुस्लिम पक्ष को राहत देने और अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले को संवैधानिक रूप से सही ठहराने वाले फैसलों में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं।

भूषण रामकृष्ण गवई होंगे नई सीजेआई 

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देश के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर भूषण रामकृष्ण गवईको नियुक्त किया जाएगा। राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई को 14 मई, 2025 से भारत के CJI रूप में नियुक्ति को मंज़ूरी दी है। मुख्य न्यायाधीश के तौर पर भूषण रामकृष्ण गवई का कार्यकाल 14 मई से  शुरू होगा। न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई 14 मई को भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। 

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