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माल ढुलाई में India शीर्ष तीन देशों में, Rail मंत्री बोले- metro coaches का कर रहे हैं निर्यात

रेलवे का रेवेन्यू 2.78 लाख करोड़ और 2.75 लाख करोड़ रुपये के खर्चे हैं। रेल मंत्री का कहना है कि रेलवे बड़े खर्चे अपने रेवेन्यू से पूरा कर रहा है।

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Dhiraj Dhillon
Rail Minister

Photograph: (IANS)

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नई दिल्ली, आईएएनएस। 
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को बताया कि वर्ष 2023-24 में यात्री किराए के रूप में करीब 60 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई। वहीं, 2022-23 में यात्री किराए के रूप में यात्रियों को 57 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई। उन्होंने कहा कि रेलवे का रेवेन्यू 2.78 लाख करोड़ रुपये है और 2.75 लाख करोड़ रुपये के खर्चे हैं। रेल मंत्री का कहना है कि रेलवे के लगभग जितने भी बड़े खर्चे हैं, उन्हें रेलवे अपने रेवेन्यू से पूरा कर रहा है। 

राज्यसभा में जवाब दे रहे थे रेलमंत्री 

रेल मंत्री ने राज्यसभा में रेलवे के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि आज भारत ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच (अंडर फ्रेम ) का निर्यात कर रहा है। वहीं रेलवे माल ढुलाई के मामले में भारत विश्व के टॉप तीन देशों में शामिल होने जा रहा है। रेल मंत्री ने कहा कि यात्री किराए में रेल सब्सिडी देता है। पहले के मुकाबले और अधिक सब्सिडी दी जा रही है, वहीं माल ढुलाई में रेलवे कुछ कमाई करता है। रेल मंत्री ने कहा कि कोरोना काल की जो दिक्कत थी, रेलवे आज उससे बाहर निकल चुका है। रेलवे की आर्थिक स्थिति ठीक है, इसे और बेहतर करने के प्रयास चलते रहेंगे। 

लागत से इतना कम किराया वसूला है रेलवे 

रेल मंत्री ने कहा कि यात्री किराए की औसत लागत प्रति यात्री एक किलोमीटर के लिए एक रुपया 38 पैसे हैं और किराया केवल 73 पैसे लेते हैं। यानी यात्री को 47 पर्सेंट की सब्सिडी या डिस्काउंट दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि हम पाकिस्तान, श्रीलंका , बांग्लादेश आदि अपने आसपास के देशों के साथ तुलना करें तो सबसे कम किराया भारत में है। वहीं पश्चिमी देशों की बात करें तो वहां भारत के मुकाबले 10-20 गुना तक अधिक किराया लिया जाता है। 
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2020 के बाद नहीं बढ़ा बजट

रेल मंत्री ने बताया कि वर्ष 2020 के बाद से रेल किराए में कोई वृद्धि नहीं की गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने बजट में रेलवे के लिए बहुत अच्छा आवंटन किया, जिससे कई वर्षों से रेलवे की जो सबसे बड़ी जरूरते हैं, वह पूरी हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के अंत तक भारतीय रेलवे विश्व के टॉप तीन देशों में शामिल हो जाएगा, जो सबसे अधिक माल ढुलाई करते हैं। भारत इस वर्ष 1.6 बिलियन टन माल की ढुलाई कर रहा है। अमेरिका की माल ढुलाई भी लगभग यही है। वहीं चीन का माल ढुलाई का आंकड़ा इससे ज्यादा है। यानी भारत, अमेरिका और चीन टॉप तीन देशों में हैं। यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। 

इस वर्ष 750 करोड़ यात्री करेंगे सफर

उन्होंने कहा कि इस वर्ष रेलवे में लगभग 750 करोड़ रेल यात्री यात्रा करने वाले हैं। रेल मंत्री ने राज्यसभा ने बताया कि भारत ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच (अंडर फ्रेम ) निर्यात कर रहा है। उन्‍होंने बताया कि मेट्रो रेल के अंडर फ़्रेम का निर्यात ऑस्ट्रेलिया के अलावा इंग्लैंड, सऊदी अरब, फ्रांस आदि देशों को भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पावरट्रेन के एक महत्वपूर्ण पार्ट ‘प्रोपल्शन’ का निर्यात फ्रांस, मैक्सिको, स्पेन, रोमानिया, जर्मनी और इटली को हो रहा है। इसके साथ पैसेंजर कोच का निर्यात मोजांबिक, बांग्लादेश, श्रीलंका आदि देशों को हो रहा है। लोकोमोटिव का निर्यात म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका आदि देशों को हो रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार के सारण से जल्द ही दुनिया के कई देशों को उत्पाद निर्यात किए जाएंगे। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी तरक्की की गई है। उन्होंने बताया कि लोको पायलट रेस्ट रूम में लोको पायलट के लिए फुट मसाजर हैं। 

रेल दुर्घटनाओं का भी दिया हिसाब

रेल मंत्री ने कहा लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे, तब साल में 234 दुर्घटनाएं होती थीं। यदि रेल के पटरियों से उतरने के मामले भी इसमें शामिल लिए जाएं तो ये दुर्घटनाएं बढ़कर 698 हो जाती हैं, यानी कि हर दिन लगभग दो दुर्घटनाएं। वही ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहते हुए प्रतिवर्ष 165 दुर्घटनाएं होती थींं, यदि इसमें रेल के पटरियों से उतरने के मामलों को भी जोड़ लिया जाए तो 395 दुर्घटनाएं होती थींं, यानी प्रतिदिन लगभग एक दुर्घटना। वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यकाल के 118 दुर्घटनाएं हुई थीं। इसमें रेल के पटरियों से उतरने के 263 मामले भी जोड़ लिए जाए तो 381 मामले हो जाते हैं। पीएम मोदी ने सुरक्षा का लगातार आकलन किया, अब दुर्घटनाएं 30 और रेल के पटरियों से उतरने के 43 मामले हैं। यानी जो आंकड़ा पहले करीब सात सौ के आस पास था, अब वह 80 से कम है।
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