/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/01/xi-jinping-21-2025-09-01-14-36-10.jpg)
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क:जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित सलाल डैम के गेट एक बार फिर खोल दिए गए हैं, क्योंकि क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण डैम में जलस्तर काफी बढ़ गया था। एएनआई के अनुसार जल स्तर में तेजी से वृद्धि के बाद यह फैसला लिया गया।
कई इलाकों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही चिनाब
प्रशासन ने स्थानीय लोगों को सतर्क किया है और उन्हें नदियों के किनारे से दूर रहने तथा सुरक्षा संबंधी निर्देशों का पालन करने की एडवाइजरी जारी की गई है। अधिकारियों का कहना है कि चेनाब नदी का जलस्तर कई इलाकों में खतरे के निशान को पार कर गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बारिश के चलते बग्लिहार हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट भी ओवरफ्लो हो रहा है, जिससे नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। डोडा-किश्तवाड़-रामबन रेंज के डीआईजी श्रीधर पाटिल ने एएनआई को बताया कि चिनाब नदी का जलस्तर बहुत अधिक बढ़ गया है। डोडा जिले में कुछ लोगों की मौत की सूचना भी मिली है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे किसी भी हालत में नदियों के नजदीक न जाएं और अपनी जान जोखिम में न डालें।
भारत ने सिंधु जल संधि को किया स्थगित
इस बीच भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने के बादपाकिस्तान की चिंताएं भी बढ़ी हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ पानी से संबंधित डेटा साझा करना बंद कर दिया है। इस फैसले से पाकिस्तान दबाव में है और वह लगातार संधि पर पुनर्चर्चा की मांग कर रहा है। भारत ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।
क्या है सिंधु जल संधि?
1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच छह प्रमुख नदियों जिनमें सिंधु, झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास और सतलुज के जल वितरण को लेकर बनी थी। इस संधि के तहत पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) का पानी भारत के पास रहता है जबकि पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम, चेनाब) का अधिकांश जल पाकिस्तान को मिलता है। भारत ने इन नदियों पर सलाल और बग्लिहार जैसे हाइड्रो प्रोजेक्ट्स बनाए हैं, जो "रन-ऑफ-द-रिवर" (RoR) तकनीक पर आधारित हैं। यानी ये प्रोजेक्ट्स पानी को संग्रहित नहीं करते, लेकिन बरसात के मौसम में जल प्रवाह का सावधानीपूर्वक प्रबंधन जरूरी होता है। India Pakistan water dispute | Salal Dam | chenab river bridge
Advertisment