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China- Pakistan: चीन ने फिर थामा पाकिस्तान का हाथ, क्या इतने कर्ज से होगा इस्लामाबाद का भला

पाकिस्तान को चीन से एक बार फिर बड़ी आर्थिक राहत मिली है। चीन ने पाकिस्तान को 3.4 अरब डॉलर का कर्ज दिया है। जानिए क्यों यह कर्ज इस्लामाबाद की डूबती अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हो सकता है।

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Dhiraj Dhillon
Xi Jinping and Shahbaz Sharif

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को एक बार फिर उसका पुराना दोस्त चीन मदद के लिए आगे आया है। चीन ने हाल ही में 3.4 अरब डॉलर का कर्ज पाकिस्तान को दिया है, जिससे इस्लामाबाद को अपने घटते विदेशी मुद्रा भंडार को थामने में राहत मिली है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के अलावा मिडिल ईस्ट के वाणिज्यिक कर्जदाताओं से भी पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का अतिरिक्त कर्ज मिला है। वहीं, बहुपक्षीय फंडिंग के जरिये पाकिस्तान ने 500 मिलियन डॉलर की राशि और जुटाई है।
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पाकिस्तानी इकोनॉमी को मिला अस्थायी ऑक्सीजन

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय कर्ज, महंगाई और बेरोजगारी की त्रासदी से जूझ रही है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घटता जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, IMF की शर्तों के तहत पाकिस्तान को 30 जून 2025 तक कम से कम 14 अरब डॉलर का रिजर्व रखना अनिवार्य है। चीन और अन्य स्रोतों से मिले नए कर्ज ने इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद की है, जिससे IMF की निगाहों में पाकिस्तान अस्थायी रूप से संतोषजनक स्थिति में आ गया है।

IMF से भी मिल चुकी है 'भीख'

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इससे पहले IMF ने भी तमाम वैश्विक विरोधों के बावजूद पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दी थी। भारत समेत कई देशों ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तान इस फंड का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में कर सकता है। हालांकि IMF ने दलील दी थी कि पाकिस्तान ने सभी आवश्यक आर्थिक शर्तों को पूरा किया है, इसलिए फंड जारी किया गया।

भारत की चिंता, चीन की रणनीति

भारत ने हमेशा से यह चिंता जताई है कि पाकिस्तान को मिलने वाला आर्थिक सहयोग कहीं आतंकवाद और उग्रवाद को समर्थन देने में इस्तेमाल न हो। वहीं, चीन के इस कर्ज को रणनीतिक दृष्टि से भी देखा जा रहा है, जिससे वह पाकिस्तान को ‘ऋण-जाल’ (Debt Trap) में फंसाकर अपने हित साध सके।

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