Weather: अगले पांच दिन तक आंधी-तूफान, भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने देश के उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में 6 से 10 मई तक आंधी-तूफान, भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। जानें पूरा अपडेट ।
नई दिल्ली,वाईबीएन डेस्क। देश के अधिकांश हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक मौसम अस्थिर रहेगा। IMD ने सभी प्रभावित राज्यों को अलर्ट पर रखा है और जनता से सावधानी बरतने की अपील की है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और उससे जुड़ी चक्रवातीय प्रणालियों के चलते आने वाले 4-5 दिनों तक देशभर में तेज हवाएं, बारिश और ओलावृष्टि देखने को मिल सकती है।
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उत्तर-पश्चिम भारत में तेज हवाएं और बारिश
IMD के मुताबिक, 5 से 10 मई के बीच पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में 40-60 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में गर्जना के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना है।6 से 8 मई तक उत्तराखंड और 8 मई को जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में भारी वर्षा (115 मिमी से अधिक) की चेतावनी जारी की गई है।
Photograph: (Google)
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मध्य और पूर्वी भारत में तेज तूफान और ओलावृष्टि:
6 मई को मध्य प्रदेश, ओडिशा, विदर्भ और बिहार में 70 किमी/घंटा तक की तेज आंधी और बिजली गिरने की संभावना है।ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में ओलावृष्टि की चेतावनी दी गई है।निकोबार द्वीप समूह में 6 से 8 मई के बीच 115 मिमी से अधिक भारी बारिश की संभावना है, जिससे स्थानीय बाढ़ और फसल नुकसान हो सकता है।
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पूर्वोत्तर भारत में मानसून जैसा मौसम
6 से 8 मई तक असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश, बिजली चमकने और 50 किमी/घंटा तक की हवाओं का अनुमान है। यह क्षेत्र अस्थायी मानसून जैसी स्थिति का अनुभव करेगा।
Photograph: (Google)
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दक्षिण भारत में भी सक्रिय रहेगा मौसम
कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में अगले एक सप्ताह तक तेज हवाओं के साथ बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में 6 और 7 मई को 115 मिमी से अधिक बारिश की चेतावनी दी गई है।
पश्चिमी विक्षोभ की भूमिका और जलवायु परिवर्तन का असर
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव मुख्य रूप से मध्य पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम राजस्थान पर केंद्रित एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और उसके साथ मौजूद चक्रवातीय परिसंचरण के कारण है।इसके साथ-साथ अरब सागर और पूर्वी तट पर बने प्रतिचक्रवात इस प्रणाली को और मजबूत बना रहे हैं।जलवायु वैज्ञानिकों का मानना है कि गर्मियों में पश्चिमी विक्षोभ की संख्या में बढ़ोतरी संभवतः जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापमान वृद्धि का संकेत है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अगले चार दिन तापमान स्थिर रहेगा, फिर 2-3°C की वृद्धि हो सकती है। पश्चिम भारत में तीन दिन बाद 3-5°C तक तापमान बढ़ सकता है, लेकिन सप्ताह के अंत तक इसमें फिर गिरावट आने की संभावना है।