नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। Kerala News: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें CBI को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) के प्रधान सचिव के खिलाफ आय से ज़्यादा संपत्ति के मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू करने को कहा गया था। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सेवानिवृत्त अधिकारी और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव केएम अब्राहम द्वारा दायर अपील पर सीबीआई, केरल सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया।
क्या है आरोप?
हाई कोर्ट में दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि अब्राहम ने सेवा के दौरान मुंबई में तीन करोड़ रुपये का एक अपार्टमेंट, तिरुवनंतपुरम के थाइकाड में एक करोड़ रुपये का एक और अपार्टमेंट खरीदा और कोल्लम जिले के कडप्पाक्कडा में आठ करोड़ रुपये की लागत से तीन मंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया। हालांकि अब्राहम ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
हाई कोर्ट का आदेश, सुप्रीम कोर्ट की रोक
सुनवाई के दौरान मुख्य प्रधान सचिव अब्राहम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने अदालत को बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी कानून की धारा 17ए के तहत अनिवार्य मंजूरी के बिना दर्ज नहीं की जा सकती। केरल हाई कोर्ट ने 11 अप्रैल को कार्यकर्ता जोमन पुथेनपुरकल द्वारा दायर याचिका पर अब्राहम के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है।
आय से अधिक संपत्ति का सबूत मिला
हाई कोर्ट ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट, अन्य सामग्रियों और अब्राहम के बचाव पक्ष की दलीलों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया, जिसमें ‘प्रथम दृष्टया इस बात का सबूत मिला था कि उनके (अब्राहम के) पास उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक चल व अचल संपत्ति है। अदालत ने इस मामले में सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (VACB) द्वारा की गई जांच के बारे में कहा कि इससे ‘जनता में विश्वास पैदा नहीं होगा’। केरल हाई कोर्ट ने ब्यूरो द्वारा की गई जांच की विश्वसनीयता को ‘संदिग्ध’ बताया। हाई कोर्ट ने राज्य एजेंसियों की निष्पक्ष कार्यप्रणाली में जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए निष्पक्ष, ईमानदार और पूर्ण जांच पर जोर देते हुए मामले की जांच के लिए सीबीआई को शामिल करने पर जोर दिया। हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी।