Advertisment

ISRO ने Satellite लॉन्च कर कमाए 439 million dollars, केंद्रीय मंत्री ने संसद को दी जानकारी

जनवरी 2015 से दिसंबर, 2024 तक, कुल 393 विदेशी सैटेलाइट और तीन भारतीय कस्टमर सैटेलाइट को वाणिज्यिक आधार पर इसरो के पीएसएलवी, एलवीएम3 और एसएसएलवी लॉन्च वाहनों पर लॉन्च किया गया। 

author-image
Dhiraj Dhillon
ISRO

Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00
नई दिल्ली, आईएएनएस। 
Advertisment
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पिछले 10 वर्षों में विदेशी सैटेलाइट लॉन्च से 439 मिलियन डॉलर का राजस्व अर्जित किया है। लोकसभा में एक लिखित उत्तर में जितेंद्र सिंह ने कहा, "जनवरी 2015 से दिसंबर 2024 तक, कुल 393 विदेशी सैटेलाइट और तीन भारतीय कस्टमर सैटेलाइट को वाणिज्यिक आधार पर इसरो के पीएसएलवी, एलवीएम3 और एसएसएलवी लॉन्च वाहनों पर लॉन्च किया गया है।" 
Advertisment

जानिए कितने यूरो और डॉलर मिले 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी अवधि के दौरान विदेशी सैटेलाइट की लॉन्चिंग से सरकार द्वारा उत्पन्न विदेशी मुद्रा राजस्व लगभग 143 मिलियन डॉलर और 272 मिलियन यूरो है। वर्तमान विनिमय दरों के अनुसार, 272 मिलियन यूरो 296 मिलियन डॉलर के बराबर हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2014 से भारत ने 34 देशों के सैटेलाइट लॉन्च किए हैं। 
Advertisment

सबसे अमेरिका के सैटेलाइट किए लांच 

Advertisment
कुल विदेशी सैटेलाइट में से अमेरिका की 232 सैटेलाइट हैं, जो कि सबसे अधिक है। दूसरे देशों में यूके की 83, सिंगापुर की 19, कनाडा की 8, कोरिया की 5, लक्जमबर्ग की 4, इटली की 4, जर्मनी की 3, बेल्जियम की 3, फिनलैंड की 3, फ्रांस की 3, स्विट्जरलैंड की 2, नीदरलैंड की 2, जापान की 2, इजरायल की 2, स्पेन की 2, ऑस्ट्रेलिया की 1, संयुक्त अरब अमीरात की 1 और ऑस्ट्रिया की 1 सैटेलाइट है। 

विदेश अंतरिक्ष एजेंसियों को भी दिया सहयोग 

केंद्रीय मंत्री ने संसद को 61 देशों में विदेशी अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ इसरो के सहयोग की भी जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "वर्तमान में, 61 देशों और पांच बहुपक्षीय निकायों के साथ अंतरिक्ष सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। सहयोग के प्रमुख क्षेत्र सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग, सैटेलाइट नेविगेशन, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, स्पेस साइंस और प्लैनेटरी एक्सप्लोरेशन और क्षमता निर्माण हैं।" 

नासा के साथ भी की है साझेदारी 

इसरो ने नासा के साथ एक जॉइंट सैटेलाइट मिशन के लिए साझेदारी की है, जिसका नाम 'निसार (नासा इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार)' है, जो अभी अपने एडवांस स्टेज पर है। सीएनईएस (फ्रेंच नेशनल स्पेस एजेंसी) के साथ इसरो ने 'तृष्णा (थर्मल इंफ्रारेड इमेजिंग सैटेलाइट फॉर हाई-रिजॉल्यूशन नेचुरल रिसोर्स असेसमेंट)' नाम से एक जॉइंट सैटेलाइट मिशन के लिए सहयोग किया है, जो प्रारंभिक चरणों में है। 

जापान एयरोस्पेस के साथ किया यह काम 

अंतरिक्ष एजेंसी ने जेएएक्सए (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) के साथ एक जॉइंट लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन को साकार करने के लिए एक प्रैक्टिकल स्टडी भी की है। इस बीच, केंद्रीय सिंह ने कहा कि सरकार ने भारत के ह्यूमन स्पेसफ्लाइट मिशन, गगनयान कार्यक्रम के लिए फंडिंग को बढ़ाकर 20,193 करोड़ रुपये कर दिया है। गगनयान मिशन अब 2028 तक दो क्रू स्पेस फ्लाइट संचालित करने की योजना बना रहा है। कार्यक्रम में दो क्रू और छह बिना क्रू वाले कुल आठ मिशन होंगे।
Advertisment
Advertisment