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भोर में गूंजे वेद मंत्र, रथ पर विराजे महाप्रभु — देखिए भगवान जगन्नाथ की वो आरती जो सालभर नहीं होती दोबारा!

पुरी में भगवान जगन्नाथ की भव्य आरती ने लाखों भक्तों को मंत्रमुग्ध किया! रथ यात्रा से पहले उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, भक्ति और आस्था का अनुपम संगम। जानें क्यों यह क्षण इतना खास है और क्यों आती है इतनी भीड़।

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Ajit Kumar Pandey
पुरी में रथ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ की आरती देखते हुए लाखों भक्त | यंग भारत न्यूज

पुरी, ओडिशा में रथ पर विराजमान भगवान श्री जगन्नाथ की मंगला आरती के दौरान उमड़ा लाखों भक्तों का सैलाब | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।आज शनिवार 28 जून 2025 की सुबह पुरी, ओडिशा में भगवान श्री जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा से पहले हुई मंगला आरती ने लाखों भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अद्भुत क्षण के गवाह बनने के लिए देशभर से श्रद्धालु पुरी पहुंचे थे, जिससे भक्ति और श्रद्धा का एक अनुपम संगम देखने को मिला।

आज सुबह जब पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ की मंगला आरती हुई, तो हवा में एक दिव्य ऊर्जा घुल गई। लाखों की संख्या में जुटे भक्तों ने इस अविस्मरणीय पल को अपनी आंखों में कैद किया। रथ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की आरती के दौरान वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। क्या आप जानते हैं कि हर साल रथ यात्रा से पहले होने वाली यह आरती इतनी खास क्यों होती है?

पुरी में गूंजी भक्ति की धुन: भगवान जगन्नाथ की आरती ने मोहा मन!

आरती के दौरान मंदिरों के अंदरूनी हिस्सों से लेकर सड़कों तक, हर जगह "जय जगन्नाथ" के जयकारे गूंज रहे थे। सुबह से ही श्रद्धालु रथों के पास कतार में खड़े थे, बस एक झलक पाने की लालसा में। यह नज़ारा इतना अद्भुत था कि हर कोई इस पल को हमेशा के लिए संजो लेना चाहता था। यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और संस्कृति का जीवंत उत्सव है।

एक ऐसा अनुभव जो रूह को छू ले

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मंगला आरती की रोशनी और सुगंध, शंखनाद और घंटियों की आवाज के साथ मिलकर एक ऐसा माहौल बना रही थी, जो सीधे दिल को छूता है। भक्तों की आंखों में चमक और उनके चेहरों पर शांति साफ दिखाई दे रही थी। इस आरती ने न केवल मन को शांत किया, बल्कि भक्तों को एक दूसरे से भी जोड़ा। क्या आप कभी ऐसे किसी धार्मिक आयोजन का हिस्सा रहे हैं जिसने आपको भीतर तक बदल दिया हो?

यह सिर्फ आरती नहीं थी, यह एक अनुभव था – लाखों लोगों की सामूहिक प्रार्थना, एक साथ उठते हुए हाथ और एक ही धुन में बजते हुए भजन। यह सब मिलकर एक ऐसी ऊर्जा पैदा कर रहा था जो हर किसी को अपनी ओर खींच रही थी। बच्चे, बूढ़े, युवा... हर उम्र के लोग इस भक्तिमय माहौल में खोए हुए थे।

रथ यात्रा: सदियों पुरानी परंपरा का जीवंत रूप

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा एक सदियों पुरानी परंपरा है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह यात्रा केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि ओडिशा की समृद्ध संस्कृति और धार्मिक विरासत का प्रतीक है। रथ यात्रा से पहले की यह आरती इस भव्य उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस वर्ष भी लाखों भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है, जिससे पुरी में एक बार फिर आस्था का महासागर उमड़ पड़ेगा।

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रथों का निर्माण लकड़ी से होता है और उन्हें भव्य रूप से सजाया जाता है। तीनों रथों को भक्तों द्वारा खींचकर गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है, जहां भगवान एक सप्ताह तक विश्राम करते हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि सामाजिक सद्भाव और भाईचारे का भी संदेश देती है।

क्यों आती है इतनी भीड़?

हर साल रथ यात्रा और उससे जुड़ी आरतियों को देखने के लिए लाखों की संख्या में भक्त पुरी पहुंचते हैं। इसका मुख्य कारण भगवान जगन्नाथ के प्रति अगाध श्रद्धा है। भक्तों का मानना है कि इस यात्रा में शामिल होने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके सभी पाप धुल जाते हैं। इसके अलावा, इस उत्सव की भव्यता और अद्वितीयता भी लोगों को अपनी ओर खींचती है।

आस्था और विश्वास: भगवान जगन्नाथ को सृष्टि के स्वामी के रूप में पूजा जाता है, और उनके दर्शन को अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।

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ऐतिहासिक महत्व: यह यात्रा सदियों से चली आ रही है और इसका अपना एक ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है।

सांस्कृतिक विरासत: यह ओडिशा की जीवंत संस्कृति और कला का प्रदर्शन भी है, जिसमें पारंपरिक गीत, नृत्य और अनुष्ठान शामिल हैं।

सामाजिक जुड़ाव: यह उत्सव विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों के लोगों को एक साथ लाता है, जिससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलता है।

आगे क्या? भक्ति का महासागर और भी गहरा होगा!

आज की मंगला आरती ने आगामी रथ यात्रा के लिए माहौल तैयार कर दिया है। अगले कुछ दिनों में पुरी में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहेगा, और रथ यात्रा के दिन यह भीड़ और भी बढ़ेगी। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि यह उत्सव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके। इस बार रथ यात्रा में शामिल होने के लिए अगर आप भी पुरी जाने का मन बना रहे हैं, तो अभी से तैयारी कर लें!

यह उत्सव हमें बताता है कि कैसे आस्था और परंपराएं आज भी हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं। यह हमें याद दिलाता है कि भले ही दुनिया कितनी भी बदल जाए, कुछ चीजें हमेशा वैसी ही रहती हैं – जैसे कि भगवान के प्रति भक्तों की अटूट श्रद्धा।

आपका नजरिया इस खबर पर क्या है? क्या आप भी रथ यात्रा में शामिल होने की योजना बना रहे हैं? नीचे कमेंट कर हमें अपने विचार बताएं!

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