जम्मू, आईएएनएस।
जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय सीमा (International Border) के भारतीय हिस्से में पाकिस्तानी झंडे और नाम वाला एक गुब्बारा मिला है। सांबा जिले के घगवाल सेक्टर के पलौना गांव में बुधवार सुबह एक संदिग्ध गुब्बारा मिलने से हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने बताया, "गुब्बारे पर पाकिस्तान का नाम और झंडा बना हुआ था। यह गुब्बारा गांव की एक महिला को खेत में मिला था। गुब्बारा मिलने के बाद महिला ने तुरंत स्थानीय लोगों और घगवाल पुलिस चौकी को इसकी सूचना दी। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर गुब्बारे को जब्त कर लिया।"
साजिश का पता लगाने में जुटी पुलिस
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि यह गुब्बारा कहां से आया और इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है। इससे पहले भी सीमावर्ती इलाकों में इस तरह के गुब्बारे मिलने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही हैं। पाकिस्तान की आईएसआई की मदद से आतंकवादी संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बनाए रखने के लिए हथियार, गोला-बारूद, ड्रग्स और नकदी भेजने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन ड्रोनों को आतंकवादी या उनके ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) पहले से तय स्थानों से उठा लेते हैं।
घुसपैंठ के लिए सुरंग खोदते भी पाए गए थे आतंकी
कई बार आतंकवादी संगठन अंतर्राष्ट्रीय सीमा के नीचे सुरंग खोदते पाए गए हैं, ताकि घुसपैठ और हथियार पहुंचाने के लिए इन मार्गों का इस्तेमाल किया जा सके। जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा कर रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने ड्रोन रोधी तंत्र स्थापित किया है। इस तंत्र के कारण ही पिछले कुछ महीनों में ड्रोन देखे जाने और उतरने की घटनाओं में कमी आई है।
एलओसी और आईबी पर इस्तेमाल करते हैं ड्रोन
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के साथ 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा (एलओसी) और 480 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) है। एलओसी और आईबी दोनों पर आतंकवादी संगठनों द्वारा अक्सर ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय सेना एलओसी की सुरक्षा करती है, जबकि बीएसएफ जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है।