Advertisment

जस्टिस वर्मा को कैश कांड में राहत, FIR पर सुप्रीम कोर्ट की अभी 'ना'

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिले कैश मामले में एफआईआर की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। आंतरिक जांच जारी है, और जस्टिस वर्मा के बचाव के संभावित तर्क सामने आ रहे हैं। घटना में एक अनजान महिला की उपस्थिति ने मामले को और जटिल बना दिया है।

author-image
Vibhoo Mishra
Justice Yashwant Verma

Justice Yashwant Verma cash scandal

Listen to this article
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

Advertisment

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर मिले भारी मात्रा में कैश के मामले ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस मांग को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि यह याचिका समय से पहले दायर की गई है, क्योंकि इस मामले में अभी आंतरिक जांच चल रही है। अगर जांच में जस्टिस वर्मा दोषी पाए जाते हैं, तो मुख्य न्यायाधीश के पास एफआईआर दर्ज कराने या सरकार को उन्हें हटाने की सिफारिश करने का विकल्प होगा।

आंतरिक जांच जारी, सुप्रीम कोर्ट का रुख स्पष्ट

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वे इस मामले में अभी हस्तक्षेप नहीं करेंगे। उनका मानना है कि पहले आंतरिक जांच पूरी होनी चाहिए, ताकि तथ्यों को सही ढंग से समझा जा सके। अदालत ने यह भी कहा कि अगर जांच में जस्टिस वर्मा दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

Advertisment

जस्टिस वर्मा के सामने बचाव के चार रास्ते

जस्टिस वर्मा को आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति के सामने पेश होना है। उन्हें अपने बचाव में चार प्रमुख तर्क पेश करने का मौका मिलेगा।

  • घटना के दिन वे शहर में नहीं थे, मध्य प्रदेश गए हुए थे। 
  • उनके लौटने पर उन्हें जले हुए नोटों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, और उनके घर के कर्मचारियों ने भी ऐसी कोई घटना नहीं देखी।
  • जले हुए पैसे से उनका या उनके परिवार का कोई लेना-देना नहीं है, और यह घटना एक साजिश लग रही है।
  • आउटहाउस में हुई गतिविधियों से उनका या उनके परिवार का कोई संबंध नहीं है, और इसका उपयोग आमतौर पर सुरक्षा कर्मी और कर्मचारी करते हैं।
Advertisment

वो अनजान महिला कौन थी?

14 मार्च को जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने के दौरान एक महिला कार में सवार होकर पहुंची थी। यह महिला कौन थी, और उसका इस घटना से क्या संबंध है, यह अभी भी एक रहस्य बना हुआ है। इस महिला की मौजूदगी ने इस मामले को और भी उलझा दिया है। पुलिस इस महिला की पहचान करने और उससे पूछताछ करने की कोशिश कर रही है।

अतिरिक्त जानकारी

Advertisment

पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या घटना वाली रात जज के घर से कुछ कैश निकाला भी गया था। पुलिस को शक है कि मौके पर सबसे पहले पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन में इस मामले से जुड़े अहम सुराग मिल सकते हैं। जांच कमेटी ने दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर का बयान दर्ज किया है और पुलिस सीसीटीवी फुटेज जुटा रही है।

 

Delhi high court Justice yashwant verma yashwant verma supreme court
Advertisment
Advertisment