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Justice Yashwant Verma cash scandal
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर मिले भारी मात्रा में कैश के मामले ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें जस्टिस वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस मांग को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि यह याचिका समय से पहले दायर की गई है, क्योंकि इस मामले में अभी आंतरिक जांच चल रही है। अगर जांच में जस्टिस वर्मा दोषी पाए जाते हैं, तो मुख्य न्यायाधीश के पास एफआईआर दर्ज कराने या सरकार को उन्हें हटाने की सिफारिश करने का विकल्प होगा।
आंतरिक जांच जारी, सुप्रीम कोर्ट का रुख स्पष्ट
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वे इस मामले में अभी हस्तक्षेप नहीं करेंगे। उनका मानना है कि पहले आंतरिक जांच पूरी होनी चाहिए, ताकि तथ्यों को सही ढंग से समझा जा सके। अदालत ने यह भी कहा कि अगर जांच में जस्टिस वर्मा दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
जस्टिस वर्मा के सामने बचाव के चार रास्ते
जस्टिस वर्मा को आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति के सामने पेश होना है। उन्हें अपने बचाव में चार प्रमुख तर्क पेश करने का मौका मिलेगा।
- घटना के दिन वे शहर में नहीं थे, मध्य प्रदेश गए हुए थे।
- उनके लौटने पर उन्हें जले हुए नोटों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, और उनके घर के कर्मचारियों ने भी ऐसी कोई घटना नहीं देखी।
- जले हुए पैसे से उनका या उनके परिवार का कोई लेना-देना नहीं है, और यह घटना एक साजिश लग रही है।
- आउटहाउस में हुई गतिविधियों से उनका या उनके परिवार का कोई संबंध नहीं है, और इसका उपयोग आमतौर पर सुरक्षा कर्मी और कर्मचारी करते हैं।
वो अनजान महिला कौन थी?
14 मार्च को जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने के दौरान एक महिला कार में सवार होकर पहुंची थी। यह महिला कौन थी, और उसका इस घटना से क्या संबंध है, यह अभी भी एक रहस्य बना हुआ है। इस महिला की मौजूदगी ने इस मामले को और भी उलझा दिया है। पुलिस इस महिला की पहचान करने और उससे पूछताछ करने की कोशिश कर रही है।
अतिरिक्त जानकारी
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या घटना वाली रात जज के घर से कुछ कैश निकाला भी गया था। पुलिस को शक है कि मौके पर सबसे पहले पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन में इस मामले से जुड़े अहम सुराग मिल सकते हैं। जांच कमेटी ने दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर का बयान दर्ज किया है और पुलिस सीसीटीवी फुटेज जुटा रही है।