Parliament के बजट सत्र में मंगलवार को खूब हंगामा हुआ। कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने लोकसभा में Delhi High Court के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बरामद कैश का मामला उठाया। उन्होंने सदन से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। शून्य काल में उठाए गए इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर और दुखद घटना है। ऐसे मामलों से लोगों को न्यायपालिका से विश्वास कम होता है। इस मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित होना जरूरी है।
साढ़े चार बजे होगी सर्वदलीय बैठक
जस्टिस वर्मा के मामले में साढ़े चार बजे सर्वदलीय बैठक होगी। बैठक को लेकर सोमवार को ही राज्सभा के सभापति
जगदीप धनकड़ ने सदन के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक कर दोनों नेताओं की सहमति प्राप्त की थी। सभापति ने सदन को जानकारी दी कि इस मुद्दे पर आज साढ़े चार बजे सर्वदलीय बैठक होगी।
सोमवार को न्यायिक जिम्मेदारियों से हटाया गया था
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत के मुख्य न्यायधीश की डायरेक्शन के बाद सोमवार को जस्टिस यशवंत वर्मा को
न्यायिक कार्यों से मुक्त कर दिया था। बता दें कि जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास के स्टोर में 14 मार्च को आग लगने के दौरान दमकल कर्मियों को भारी मात्रा में जला हुआ कैश मिला था। उसके बाद से ही मामला लगातार तूल पकड़ रहा है, हालांकि मामले में अभी तक जस्टिस वर्मा का पक्ष सामने नहीं है। इस बीच उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर किए जाने की खबर से
Allahabad हाईकोर्ट बार एसोसिएशन हड़ताल पर चली गई है।
जानिए मनरेगा पर क्या हुआ
संसद में मनरेगा और किसानों के सवाल पर के साथ ही कनार्टक में मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर भी हंगामा हुआ। पश्चिम बंगाल के सांसदों ने मनरेगा का पैसा जारी न होने का सवाल उठाते हुए राज्य के हिस्से का पैसा जारी करने की मांग केंद्र से की। इस पर ग्रामीण विकास राज्य मंत्री पी. चंद्रशेखर ने कहा कि इस वर्ष मनरेगा के लिए 86000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने बंगाल में योजना में 5.7 करोड़ के कार्यों में विसंगतियां पाए जाने की बात भी कही।
कांग्रेस सांसद ने किसानों का सवाल उठाया
लोकसभा में कांग्रेस सांसद परिणति शिंदे ने केंद्रीय कृषि मंत्री से पूछा कि देश में इतने किसान खेती क्यों छोड़ रहे हैं। उन्होंने मामले में कृषि मंत्री की गंभीरता पर भी सवाल उठाया। उसके बाद कृषि मंत्री
शिवराज सिंह चौहान की प्रतिक्रिया पर विपक्षी सांसद भड़क गए और हंगामा करते हुए वेल में उतर गए। इस बीच सभापति ने विपक्षी सांसदों पर अपना एजेंडा चलाने और सदन की कार्यवाही में वाधा उत्पन्न करने का भी आरोप लगाया।