Delhi High Court के
जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से नकदी बरामद होने के मामले में तमाम तथ्य प्रकाश में आने के बाद यह मामला चर्चा में। इस मुद्दे पर राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने सदन के नेता जेपी नड्डा और नेता प्रति प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसी CJI (मुख्य न्यायाधीश) Supreme Court ने मामले से जुड़ी सारी सामग्री सार्वजनिक डोमेन में रखी है। उन्होंने इसे न्यायपालिका में पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा न आए, इसके लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
जल्द होगी सर्वदलीय बैठक
जगदीप धनखड़ ने कहा कि न्यायपालिका से जुड़े इस गंभीर मामले पर सार्थक चर्चा जरूरी है। बैठक में खरगे ने सुझाव दिया कि इस मुद्दे पर सदन के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया जाए, जिस पर तीनों नेताओं ने सहमति जताई। अब जल्द ही राज्यसभा में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा।
धनखड़ ने न्यायपालिका की प्रतिक्रिया को सराहा
धनखड़, जो राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) अधिनियम को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के 2015 के फैसले के आलोचक रहे हैं, ने इस
मामले में न्यायपालिका की आंतरिक प्रतिक्रिया को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और विधायिका जैसी संस्थाओं को प्रभावी और पारदर्शी तरीके से काम करना चाहिए, ताकि जनता का विश्वास बरकरार रहे।
सीजेआई की पारदर्शिता की सराहना
जगदीप धनखड़ ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार इस मामले में बहुत प्रभावशाली और पारदर्शी कार्रवाई की है। धनखड़ ने कहा कि अब
समिति के परिणाम की प्रतीक्षा करनी चाहिए, ताकि सभी पक्षों के विचार सामने आ सकें और न्यायिक प्रक्रिया पर जनता का विश्वास बना रहे।