नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। केरल के तटीय क्षेत्र में
रविवार सुबह उस समय एक बड़ा समुद्री हादसा हो गया, जब लाइबेरियाई मालवाहक जहाज MSC ELSA 3 पूरी तरह समुद्र में पलट गया। यह जहाज 640 कंटेनर लेकर जा रहा था, जिनमें से कई में खतरनाक रसायन, जैसे कैल्शियम कार्बाइड, भरे हुए थे। डूबने के बाद जहाज से भारी मात्रा में डीजल और फर्नेस ऑयल का रिसाव शुरू हो गया है। भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने जानकारी दी है कि जहाज के एक होल्ड में पानी भरने की वजह से यह हादसा हुआ।
जहाज में भरा हुआ था डीजल और फर्नेस ऑयल
इस जहाज पर 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल मौजूद था। इसके अलावा जहाज में 12 कंटेनर ऐसे थे जिनमें कैल्शियम कार्बाइड जैसी खतरनाक सामग्री थी, जो पानी के संपर्क में आने पर विस्फोटक और जहरीली गैस उत्पन्न कर सकती है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है। नागरिकों से कहा गया है कि समुद्र से किनारे पर बहकर आई किसी भी संदिग्ध वस्तु से कम से कम 200 मीटर की दूरी बनाए रखें।
तटीय क्षेत्र में नागरिकों को सतर्कता की जरूरत
INCOIS (Indian National Centre for Ocean Information Services) ने अनुमान जताया है कि तेल का फैलाव अगले 36 से 48 घंटों में अलपुझा, अंबालापुझा, अरट्टुपुझा और करुनागप्पल्ली के तटीय क्षेत्रों तक पहुंच सकता है। केंद्र ने कहा है कि वह स्थिति पर नजर बनाए हुए है और सभी संबंधित एजेंसियों के साथ लगातार संपर्क में है। SDMA ने इस मामले पर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है और कहा है कि तटीय क्षेत्र के नागरिकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। पर्यावरण और जनस्वास्थ्य को देखते हुए यह एक गंभीर स्थिति बन सकती है।
जानिए क्या है पूरा मामला
केरल के कोच्चि तट के पास रविवार सुबह एक बड़ा समुद्री हादसा हुआ, जब एक विशालकाय मालवाहक जहाज
MSC Elsa समुद्र में डूब गया। हालांकि गनीमत की बात यह रही कि हादसे के वक्त जहाज पर सवार सभी 24 क्रू मेंबर्स को भारतीय नौसेना और तटरक्षक बलों ने सुरक्षित बचा लिया। भारतीय तटरक्षक बल के अनुसार, यह घटना सुबह करीब 7:50 बजे हुई, जब MSC Elsa नामक जहाज समुद्री संतुलन खो बैठा और उसमें पानी भरने लगा। देखते ही देखते जहाज समंदर में समा गया। यह जहाज अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) के अंतर्गत पंजीकृत था और कोच्चि तट के पास से गुजर रहा था। दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है, वहीं तेल रिसाव की आशंका को देखते हुए समुद्री क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी गई है।