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खालिस्तानी आतंकी Pannu ने दिलजीत दोसांझ को धमकी दी, अमिताभ बच्चन को भी लिया निशाने पर

खालिस्तानी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ को धमकी दी है। पन्नू का आरोप है कि दोसांझ ने हाल ही में अमिताभ बच्चन के पैर छूकर 1984 के सिख नरसंहार के पीड़ितों का अपमान किया।

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Ranjana Sharma
Karva Chauth11 (69)

नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क: खालिस्तानी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मशहूर पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ को धमकी दी है। पन्नू ने यह धमकी इसलिए दी है कि दोसांझ का ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में 1 नवंबर को होने वाला कंसर्ट रद्द किया जाए। पन्नू का कहना है कि अगर कंसर्ट आयोजित हुआ, तो वह और उनका संगठन इसके गंभीर परिणाम भुगतेगा।

1984 के सिख नरसंहार के पीड़ितों का अपमान बताया 

पन्नू ने आरोप लगाया कि दिलजीत दोसांझ ने हाल ही में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के पैर छूकर 1984 के सिख नरसंहार के पीड़ितों का अपमान किया। पन्नू के अनुसार, दोसांझ का यह कदम 1984 में हुए नरसंहार में मारे गए हर पीड़ित हर विधवा और हर अनाथ बच्चे के प्रति असम्मान है। पन्नू ने यह भी कहा कि अमिताभ बच्चन ने 1984 में हुई हिंसा के समय “खून का बदला खून” जैसा नारा देकर भीड़ को भड़काया था और उन्होंने नरसंहार का विरोध नहीं किया। ऐसे व्यक्ति के पैर छूकर दोसांझ ने सिख समुदाय के प्रति अपमानजनक कृत्य किया है।

अमिताभ बच्चन पर लगाया यह आरोप 

पन्नू ने बयान जारी कर कहा कि दोसांझ ने अमिताभ बच्चन को सम्मान देकर 1984 के नरसंहार के पीड़ितों का अपमान किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अमिताभ बच्चन ने 31 अक्टूबर 1984 को हिंसा भड़काने वाले नारे दिए थे, जिससे भीड़ ने सिखों के खिलाफ हिंसा शुरू की। पन्नू का यह भी कहना है कि दोसांझ ने जिस दिन कंसर्ट रखा है, वह दिन अकाल तख्त साहिब द्वारा घोषित सिख नरसंहार स्मृति दिवस के दिन से मेल खाता है, और इसे सिख पीड़ितों का मजाक उड़ाने जैसा बताया जा सकता है।

पन्नू ने अमिताभ बच्चन को भी निशाने पर लिया

पन्नू ने धमकी जारी करते हुए कहा कि दोसांझ का यह कदम सिर्फ व्यक्तिगत नहीं है बल्कि यह पूरे सिख समुदाय और 1984 के पीड़ितों के प्रति अपमान है। उन्होंने कहा कि दोषियों को न्याय मिलना चाहिए और समाज के सामने इस तरह के कृत्य को स्वीकार नहीं किया जाएगा। साथ ही, पन्नू ने अमिताभ बच्चन को भी निशाने पर लिया और आरोप लगाया कि बच्चन ने 1984 में नरसंहार के समय भड़काऊ बयान देकर हिंसा को बढ़ावा दिया। पन्नू ने दावा किया कि बच्चन ने उस समय हुई हिंसा के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया और इसके लिए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। पन्नू के अनुसार, दोसांझ ने बच्चन के पैर छूकर न केवल उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया बल्कि 1984 के पीड़ितों, विधवाओं और अनाथ बच्चों के प्रति भी असम्मान दिखाया।

1 नवंबर को कंसर्ट स्थल के बाहर एक रैली आयोजित की जाएगी

खालिस्तानी संगठन ने यह भी ऐलान किया है कि 1 नवंबर को कंसर्ट स्थल के बाहर एक रैली आयोजित की जाएगी। पन्नू ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि दोसांझ को तलब किया जाए और उनसे उनके कृत्य पर स्पष्टीकरण लिया जाए। पन्नू का कहना है कि यह कदम 1984 के पीड़ितों के प्रति सम्मान दिखाने और सिख समुदाय की भावनाओं की रक्षा करने के लिए जरूरी है। अगर आप चाहें, मैं इसे असली समाचार वेबसाइट की शैली में हेडिंग, सब-हेडिंग और पेराग्राफ ब्रेक्स के साथ बिल्कुल पेशेवर फॉर्मेट में भी तैयार कर सकता हूँ, जिससे इसे सीधे प्रकाशित किया जा सके।

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