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Kupwara Terror Attack: कश्मीर के कुपवाड़ा में कायराना हमला, गुलाम रसूल मगरे की हत्या

कश्मीर के कुपवाड़ा में हुए आतंकी हमले में सामाजिक कार्यकर्ता गुलाम रसूल मगरे की हत्या। जानिए इस कायराना हमले के बाद कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियों और सुरक्षा चिंताओं के बारे में।

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Dhiraj Dhillon
कश्मीर के कुपवाड़ा में कायराना हमला, गुलाम रसूल मगरे की हत्या

Photograph: (Google)

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श्रीनगर, वाईबीएन नेटवर्क। कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों ने एक और कायराना हमले को अंजाम दिया है। शनिवार देर रात आतंकियों ने सामाजिक कार्यकर्ता 45 वर्षीय गुलाम रसूल मगरे की उनके घर में घुसकर विभत्स हत्या कर दी। यह घटना कंडी खास क्षेत्र में हुई। यह गुलाम रसूल मगरे स्थानीय समुदाय के लिए काम करते थे और समुदाय में सम्मानित शख्सियत थे। उनकी सामाजिक सेवा के लोग कायल थे। सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या ने एक बार फिर कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियों और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद से स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूजर्स इस कायराना हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं और सरकार से कड़े सुरक्षा कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

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गुलाम रसूल मगरे की हत्या की घटना की जांच

गुलाम रसूल मगरे, जो कुपावाड़ा के कंडी खास क्षेत्र में रहते थे, हमेशा समाज सेवा में लगे रहते थे और गरीबों और जरूरतमंदों के लिए काम करते थे। 26 अप्रैल की रात जब वह अपने घर पर थे, आतंकवादियों ने अचानक उनके घर में घुसकर उन पर हमला किया और गोलियां बरसाते हुए छलनी कर दिया। गंभीर रूप से घायल होने के बाद, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।घटना के बाद, सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत इलाके को घेर लिया और प्रारंभिक जांच की। जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि आतंकवादियों ने इस हमले को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया था, लेकिन हमले का मुख्य कारण अभी तक सामने नहीं आया है।
कश्मीर के कुपवाड़ा में कायराना हमला, गुलाम रसूल मगरे की हत्या
Photograph: (Google)
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सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

Kupwara Terror Attack के बाद, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ तेजी से सामने आ रही हैं। कई स्थानीय नागरिकों ने इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आतंकवादी अब केवल सुरक्षा बलों को नहीं, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी निशाना बना रहे हैं। एक सोशल मीडिया यूजर ने सरकार से कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने की अपील की, जबकि अन्य ने आतंकवादियों को पनाह देने वाले स्थानीय लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता जताई।

कश्मीर में आतंकवाद: सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

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गुलाम रसूल मगरे की हत्या, कश्मीर में बढ़ते आतंकवादी हमलों का हिस्सा है। कुछ दिनों पहले, पहलगाम आतंकी हमला में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसने कश्मीर में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। अब, गुलाम रसूल मगरे की हत्या ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता बढ़ा दी है।कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमले अब स्थानीय लोगों के लिए भी बड़ा खतरा बन गए हैं। इस घटना ने कश्मीर की सुरक्षा स्थिति को लेकर सरकार से कड़े कदम उठाने की आवश्यकता की ओर इशारा किया है।

कश्मीर समाज के लिए बड़ी क्षति

गुलाम रसूल मगरे की हत्या न केवल उनके परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है, बल्कि यह कश्मीर समाज के लिए भी एक चेतावनी है। यह घटना यह साबित करती है कि आतंकवादियों का कोई धर्म या समुदाय नहीं होता और उनकी हरकतें पूरे समाज के लिए खतरनाक हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन को अब कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
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