इस्लामाबाद, वाईबीएन नेटवर्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि उनका देश कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की किसी भी "निष्पक्ष और पारदर्शी" जांच में सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने आतंकवाद की निंदा करते हुए पाकिस्तान के खुद आतंकवाद का शिकार होने का रोना भी रोया। इसके साथ ही कश्मीर को लेकर फिर पुराना राग अलापा और वो बयान दोहराया जिसमें जिन्ना ने कश्मीर को पाकिस्तान की गर्दन की नस बताया था। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में हुए हमले में आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाकर 28 लोगों की हत्या कर दी थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे।
शरीफ बोले- झूठे हैं भारत के आरोप
पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार, काकुल स्थित पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी में पासिंग-आउट परेड को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा कि भारत बिना किसी "विश्वसनीय जांच या सत्यापन योग्य साक्ष्य" के पाकिस्तान पर "आधारहीन और झूठे आरोप" लगा रहा है। उन्होंने कहाएक जिम्मेदार राष्ट्र के तौर पर पाकिस्तान किसी भी निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच प्रक्रिया में भाग लेने को तैयार है। शरीफ ने अपने भाषण के दौरान एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाते हुए कहा, कायदे-आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने इसे पाकिस्तान की गर्दन की नस करार दिया था।" प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की भूमिका पर भी जोर देते हुए कहा, "हमने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कीमत चुकाई है। लगभग 90,000 लोग हताहत हुए और 600 अरब डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।"
शरीफ के बयान पर उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयान पर जम्मू- कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया आई है। उमर अबदुल्ला ने कहा है कि उनकी बातों पर क्या चर्चा करें। वे तो ये मानने को ही तैयार नहीं थे कि पहलगाम में कुछ हुआ है। उसके बाद उन्होंने उल्टे हम पर हमले कराने के आरोप लगा डाले। पाकिस्तानी पीएम बोले थे कि पहलगाम हमला भारत ने ही कराया है। वे कोई ढंग बात कहेंगे, इसकी हमें उम्मीद भी नहीं है।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कई बड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से निलंबित करना, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट बंद करना और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं रोकना शामिल है। भारत के इन कदमों के जवाब में पाकिस्तान ने भी कड़े फैसले लिए हैं। इस्लामाबाद ने शिमला समझौते को स्थगित करने और भारतीय विमानों के लिए अपने वायु क्षेत्र को बंद करने जैसे कदमों की घोषणा की है।
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