बिहार, वाईबीएन नेटवर्क।
पटना में इफ्तार पार्टियों का दौर जारी है और इसके साथ ही सियासी सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। राजद प्रमुख लालू यादव की इफ्तार पार्टी में कांग्रेस नेताओं के न पहुंचने से हलचल मच गई। सवाल उठने लगे कि क्या महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा?
सोमवार को राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के आवास पर आयोजित इस इफ्तार में लालू यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के अलावा कई दिग्गज नेता शामिल हुए। यहां तक कि केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस भी पहुंचे, लेकिन कांग्रेस का कोई भी बड़ा चेहरा नजर नहीं आया। इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
कांग्रेस की सफाई
जब बवाल बढ़ा तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि पार्टी के अधिकतर विधायक और नेता दिल्ली में होने वाली बैठक के लिए रवाना हो चुके हैं, इसलिए वे इफ्तार में शामिल नहीं हो सके।
बीजेपी ने साधा निशाना
कांग्रेस नेताओं की गैरमौजूदगी पर बीजेपी ने चुटकी लेते हुए कहा कि महागठबंधन में अंदरखाने मतभेद बढ़ रहे हैं। इस पर अब्दुल बारी सिद्दीकी ने पलटवार करते हुए कहा कि लालू यादव की इच्छा के अनुसार इस बार इफ्तार उनके घर पर आयोजित हुआ, और विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं होने के कारण वे इस पर राजनीति कर रहे हैं।
मुस्लिम संगठनों ने दिया लालू का साथ
इस इफ्तार में मुस्लिम धार्मिक संगठनों के कई नेता भी पहुंचे। दिलचस्प बात यह रही कि यही संगठन हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी से दूर रहे थे। इससे राजनीतिक विश्लेषक अनुमान लगा रहे हैं कि बिहार की राजनीति में मुस्लिम वोट बैंक को लेकर नए समीकरण बन सकते हैं।