नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत की अंडरवर्ल्ड दुनिया में भूचाल लाने वाली गैंगवार अब एक नए और कहीं अधिक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी है। कभी एक-दूसरे के सबसे भरोसेमंद साथी माने जाने वाले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ अब अलग-अलग हो चुके हैं। जांच एजेंसियों के मुताबिक, ये दोनों गैंगस्टर अपनी-अपनी गैंग को स्वतंत्र रूप से चला रहे हैं। गैंगस्टर जगत में यह दरार सिर्फ एक मतभेद नहीं, बल्कि एक नई जंग की शुरुआत मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, लॉरेंस और गोल्डी दोनों ही अपने-अपने नेटवर्क को मजबूत करने में जुटे हैं और नए शूटर्स की भर्ती भी तेजी से कर रहे हैं। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में इन गैंगों की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता भी बढ़ गई है।
दोस्त बने दुश्मन
लॉरेंस और गोल्डी बचपन के दोस्त और एक ही गैंग का हिस्सा रहे हैं। सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस समेत कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं में दोनों की साझेदारी रही। लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। गोल्डी बराड़ ने हाल ही में अमेरिका से एक ऑडियो जारी कर यह साफ कर दिया कि वह अब लॉरेंस से अलग हो चुका है। इस ऑडियो के जरिए यह संकेत भी मिला है कि इंटरनेशनल क्राइम सिंडिकेट अब एक नए रूप में उभर रहा है। भले ही लॉरेंस बिश्नोई साबरमती जेल में बंद है, लेकिन उसका गैंग अब भी सक्रिय है। हाल की कुछ वारदातों के बाद उसके गैंग के सोशल मीडिया पोस्ट में गोल्डी का जिक्र न होना भी गोल्डी और बिश्नोई के के बीच दूरी की पुष्टि करता है।
नई गैंग, नए शूटरों की भर्ती
गोल्डी बराड़ और लॉरेंस अपनी-अपनी मजबूत गैंग बनाने में जुटे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस का गैंग पंजाब के ग्रामीण इलाकों और हरियाणा के अपराधी प्रवृत्ति वाले युवाओं को टारगेट कर रहा है। वहीं, गोल्डी बराड़ कनाडा से वर्चुअल इंटरव्यू लेकर अपने लिए वफादार और हाई-प्रोफाइल शूटर तैयार कर रहा है। भर्ती के लिए खास शर्तें रखी गई हैं, जैसे मोबाइल लोकेशन छिपाने की ट्रेनिंग और सोशल मीडिया के सख्त नियम। दिल्ली की तिहाड़ जेल, पंजाब की बठिंडा जेल और विदेशी वर्चुअल नेटवर्क अब फिर से सक्रिय हो गए हैं। कई गैंगस्टरों को जेल से बाहर निकालकर सुपारी किलिंग की प्लानिंग की जा रही है।
700 से ज़्यादा शूटर, 20 से ज़्यादा हत्याओं की योजना
NIA के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई के गैंग में करीब 700 शूटर हैं और उसका नेटवर्क दाऊद इब्राहिम की तर्ज पर फैलता जा रहा है। गोल्डी बराड़ से अलग होने के बाद दोनों के बीच अब एक नई जंग की स्थिति बन गई है। सूत्रों का कहना है कि दोनों गैंग अब अलग-अलग गठजोड़ बनाकर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में हैं।
एक्सपर्ट की चेतावनी
दिल्ली पुलिस के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने चेताया है कि जब किसी गैंग में फूट पड़ती है, तो सबसे पहले शूटर्स और वफादार साथियों के बीच बंटवारा होता है। यह सबसे खतरनाक समय होता है, क्योंकि दोनों पक्ष एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए ‘खून बहाकर ताकत’ साबित करना चाहते हैं। आने वाले हफ्तों में पुलिस को पूरी सतर्कता बरतनी होगी। Lawrence Bishnoi gang | Crime