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मराठा आरक्षण पर बोले मनोज जरांगे- हम जीत गए | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । महाराष्ट्र सरकार द्वारा अनशन के पांचवें दिन अधिकांश मांगें स्वीकार करने पर मनोज जरांगे ने कहा कि हम जीत गए। इसके बाद समर्थकों ने जश्न मनाया। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मनोज जरांगे ने अपने अनिश्चितकालीन अनशन के पांचवें दिन, मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट उप-समिति द्वारा पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने सहित उनकी अधिकांश मांगें स्वीकार करने के बाद जीत की घोषणा की।
STORY | We have won, says Jarange as govt accepts most of his demands on Day 5 of fast; supporters celebrate
— Press Trust of India (@PTI_News) September 2, 2025
Activist Manoj Jarange announced victory after the Maharashtra government's cabinet sub-committee on Maratha quota accepted most of his demands, including giving Kunbi… pic.twitter.com/bxnWc0bCK5
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मराठा आरक्षण केस : बॉम्बे HC ने सुनवाई कल दोपहर 1 बजे तक टाली
मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर मनोज जारंगे पाटिल के वकील सतीश मानेशिंदे के अनुरोध पर बॉम्बे उच्च न्यायालय ने पहले के आदेशों के अनुपालन के आधार पर मामले को कल तक के लिए स्थगित कर दिया। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर साझा की है।
मनोज जरांगे पर 5,000 से अधिक समर्थक मुंबई लाने का आरोप, HC ने चेताया
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने प्रतिवादी संख्या 5 (मनोज जरांगे) को 5,000 की एक निश्चित संख्या से अधिक लोगों को मुंबई आने में सहायता करने और उन्हें उकसाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। कल दोपहर 1 बजे इस मामले की सुनवाई होगी। लेकिन, इस आदेश के द्वारा हमें यह संकेत देना होगा कि यह न्यायालय कानून की गरिमा बनाए रखने के लिए किसी के भी विरुद्ध कोई भी आदेश पारित करेगा। इस अदालत द्वारा पारित आदेश का किसी भी तरह का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मराठा आरक्षण आंदोलन | बॉम्बे उच्च न्यायालय: प्रतिवादी संख्या 5 (मनोज जरांगे) को 5,000 की एक निश्चित संख्या से अधिक लोगों को मुंबई आने में सहायता करने और उन्हें उकसाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।। कल दोपहर 1 बजे इस मामले की सुनवाई होगी। लेकिन इस आदेश के द्वारा हमें यह… https://t.co/doHPm77iQH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2025
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मुंबई पुलिस आजाद मैदान खाली कराने पहुंची, जरांगे समर्थकों से बहस
मुंबई पुलिस के जवान आज़ाद मैदान को खाली कराने पहुंच गए हैं। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारंगे पाटिल यहां भूख हड़ताल पर हैं और उनके समर्थक भी यहां मौजूद हैं।
मंगलवार सुबह, मुंबई पुलिस ने पाटिल को अदालत और पुलिस द्वारा विरोध प्रदर्शन के लिए दी गई शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में नोटिस जारी किया। आज़ाद मैदान पुलिस ने उनकी कोर कमेटी को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द आज़ाद मैदान खाली करने को कहा।
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#WATCH | Mumbai, Maharashtra: DCP Zone 1, Pravin Munde and other Police officials arrive at Azad Maidan to vacate the area. Maratha reservation activist Manoj Jarange Patil is on a hunger strike here and his supporters are present here as well.
— ANI (@ANI) September 2, 2025
Earlier today, Mumbai Police… pic.twitter.com/bxvodGSx9C
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने मुंबई में अपना आंदोलन तेज कर दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद, उन्होंने आजाद मैदान खाली करने से साफ इनकार कर दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर मनोज जरांगे के हवाले से एक अपडेट पोस्ट किया है। जिसमें मनोज जरांगे ने सीधे तौर पर सरकार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी दी है कि जब तक मराठा आरक्षण की मांग पूरी नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शनकारी कोई भी कानून नहीं तोड़ रहे हैं।
मुंबई में आंदोलन का पांचवां दिन है और पुलिस ने भी उन्हें आजाद मैदान खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है। इसके बावजूद, जरांगे ने पीछे हटने से साफ मना कर दिया है। उनकी मांग है कि सरकार मराठों को 'कुनबी' जाति का दर्जा देने वाला एक सरकारी आदेश जारी करे, जिससे उन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिल सके। फडणवीस पर लगाए गंभीर आरोप, दी कड़ी चेतावनी जरांगे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर हाईकोर्ट को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री फडणवीस हाईकोर्ट को गलत जानकारी दे रहे हैं और उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।" उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उन्हें गिरफ्तार करने या मुंबई से बेदखल करने की कोशिश की, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा, "अगर आप भी ऐसा करेंगे तो मैं किसी भी हद तक जा सकता हूं। जब तक मेरी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, मैं यहां से नहीं जाऊंगा।"
STORY | Maratha quota stir: Jarange says ready for talks with govt, lashes out at Fadnavis
— Press Trust of India (@PTI_News) September 2, 2025
Activist Manoj Jarange, who has been staging a hunger strike to seek quota for Marathas, on Tuesday said he is ready for talks with the government, but asserted he will not leave Mumbai… pic.twitter.com/pjqFerrC5f
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को दी चुनौती?
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को मनोज जरांगे और उनके समर्थकों को मंगलवार शाम तक मुंबई की सभी सड़कें खाली करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट की इस सख्त टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी उपमुख्यमंत्रियों अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ एक समीक्षा बैठक की थी। बैठक के बाद फडणवीस ने कहा था कि उनकी सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन, जरांगे ने कोर्ट के आदेश पर भी अपना रुख साफ कर दिया है।
उन्होंने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि हाईकोर्ट गरीब मराठों को न्याय देगा। हम हाईकोर्ट के सभी निर्देशों का पालन कर रहे हैं।" हालांकि, उनके बयान और मैदान खाली न करने के फैसले के बीच विरोधाभास साफ नजर आता है। पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी किया है और अगर वे मैदान खाली नहीं करते हैं, तो आगे चलकर स्थिति और भी तनावपूर्ण हो सकती है।
सरकार और विपक्ष आमने-सामने
इस पूरे मामले में राज्य की विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री फडणवीस की सरकार जानबूझकर जरांगे के आंदोलन को नजरअंदाज कर रही है। जरांगे के अनिश्चितकालीन अनशन के चौथे दिन जल त्याग करने के बाद उनके समर्थकों में भी काफी गुस्सा देखा गया है। इससे यह साफ है कि यह आंदोलन केवल आरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह राज्य की राजनीति में भी एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
सरकार को अब इस मुश्किल स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढना होगा। जरांगे के अल्टीमेटम के बाद, सरकार के सामने दो ही रास्ते हैं: या तो वे जरांगे की मांगों को स्वीकार करें, या फिर बलपूर्वक आंदोलन को खत्म कराएं। लेकिन, दूसरा विकल्प राजनीतिक रूप से बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
इस आंदोलन का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार और जरांगे के बीच किस तरह की बातचीत होती है। जरांगे ने बातचीत के लिए अपनी इच्छा तो जाहिर की है, लेकिन साथ ही अपनी मांगों पर भी अडिग हैं। सरकार के लिए यह जरूरी है कि वे इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाएं, वरना यह आंदोलन पूरे राज्य में फैल सकता है और कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है।
आने वाले दिन इस आंदोलन की दिशा तय करेंगे। मनोज जरांगे ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस फैसला नहीं होता, वे पीछे नहीं हटेंगे। उनकी चेतावनी और हाईकोर्ट के आदेश के बीच फंसी सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। क्या सरकार जरांगे के सामने झुकेगी या कोई और रास्ता निकालेगी? इसका जवाब तो आने वाला वक्त ही देगा।
Maratha Reservation Protest | Manoj Jarange Hunger Strike | Mumbai Azad Maidan Agitation | Bombay High Court Maratha Order