श्रीनगर, वाईबीएन नेटवर्क। जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। ताजा जानकारी के मुताबिक, हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, कई घर बह गए हैं और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) भूस्खलन के चलते बंद कर दिया गया है। यहां जानिए लेटेस्ट अपडेट:
जानिए क्या है पूरा मामला?
रविवार 20 अप्रैल 2025 की सुबह रामबन जिले के सेरी बगना गांव में बादल फटने की घटना हुई, जिससे अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचा दी। इस हादसे में 10 वर्षीय मोहम्मद साकिब, उनके 12 वर्षीय भाई आकिब अहमद और 65 वर्षीय पड़ोसी मुनी राम की मौत हो गई। रविवार तड़के हुई इस त्रासदी के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गंभीर त्रासदी करार देते हुए संवेदना जताई थी और केंद्र सरकार से मदद की गुहार भी लगाई गई थी। एनडीआरएफ की टीमें काफी कम समय में राहत और बचाव अभियान को अंजाम देने मौके पर पहुंच गई थीं।
'जीवन में ऐसा मौसम पहले कभी नहीं देखा'
प्रत्यक्षदर्शी और गांव के निवासी मोहम्मद हफीज ने पीटीआई को बताया, "मैंने अपने जीवन में ऐसा मौसम पहले कभी नहीं देखा। करीब 4:30 बजे भयंकर आवाज सुनकर मेरी नींद टूटी और तुरंत ही मदद के लिए चिल्लाने की आवाजें सुनाई देने लगीं।" स्थानीय निवासियों ने सबसे पहले राहत कार्य शुरू किया। हफीज ने आगे बताया, "हमने बाढ़ से क्षतिग्रस्त घर के मलबे से दोनों भाइयों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।"
ताजा हालात: 3 मौतें, 100 से ज्यादा लोगों को बचाया गया
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस आपदा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों मकान, दुकानें और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। राहत कार्य में जुटी टीमों ने अब तक 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है। ANI के मुताबिक, भूस्खलन के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) को बंद कर दिया गया है। यही सड़क कश्मीर को देश के बाकी हिस्से से जोड़ती है। रिपोर्ट में बताया गया कि सैकड़ों वाहन रास्ते में फंसे हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, बनिहाल और नशरी के बीच एनएच-44 पर करीब दर्जन भर जगहों पर भूस्खलन हुआ है। कई गांवों का संपर्क भी टूट गया है क्योंकि सड़कों को बाढ़ में नुकसान पहुंचा है या वे पूरी तरह बह गई हैं।
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