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Jammu and Kashmir में बादल फटने से तबाही, तीन जानें गईं, केंद्र से मदद की अपील

मुख्यमंत्री ने कहा- यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं है, यह हमारे लोगों की पीड़ा का समय है। हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे। सीएम ने केंद्र से भी मदद की अपील की है।

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Dhiraj Dhillon
जम्मू कश्मीर में बादल फटने से तबाही, सीएम उमर अब्दुल्ला ने जताई संवेदना

Photograph: (Google)

श्रीनगर, वाईबीएन नेटवर्क। कश्मीर के रामबन जिले के सेरी बागना गांव पर रविवार की सुबह कुदरत का कहर टूटा। मूसलाधार बारिश के बीच अचानक बादल फटने से पूरा इलाका दहल उठा। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई, घर उजड़ गए, जिंदगियां थम गईं। इस भीषण आपदा में जनहानि की खबरों ने पूरे प्रदेश को गमगीन कर दिया। मुख्यमंत्री ने घटना पर संवेदना व्यक्त करने के साथ राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। राहत और बचाव दलों से 100 से अधिक लोगों को सुर‌क्षित निकाल लिया है। बचाव कार्य जारी है।
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त्रासदी में अब तक तीन लोगों की जान गई

जम्मू-कश्मीर में आई भीषण आपदा के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हालात का जिक्र करते हुए कहा, "रामबन में तबाही का मंजर दिल दहला देने वाला है। उन्होंने बताया कि इस त्रासदी में अब तक तीन लोगों की जान चली गई है। कई गाड़ियां मलबे में दबी हैं और सुरंग के पास बना एक अहम पुल भी टूट चुका है। बनिहाल इलाके में भी नुकसान बेहद भारी है। हमारे उपमुख्यमंत्री तुरंत रामबन के लिए रवाना हो गए हैं और हमारे मंत्री लगातार कश्मीर से हालात का जायजा ले रहे हैं।

सीएम ने केंद्र सरकार से मदद की अपील की

मुख्यमंत्री ने कहा- यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं है, यह हमारे लोगों की पीड़ा का समय है। हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता दी जाएगी। उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से भी अपील की है कि वह इस संकट की घड़ी में जम्मू-कश्मीर को मदद पहुंचाए और हुए नुकसान की भरपाई में सहयोग करे। "यह समय है जब हमें मिलकर अपने जख्मों को भरना है," उन्होंने कहा।

सीएम उमर अब्दुल्ला बोले- दिल टूट गया

आपदा के बाद राहत और बचाव दलों ने मोर्चा संभाला और करीब 100 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। लेकिन जो खोया गया, उसकी भरपाई संभव नहीं है। दुख की इस घड़ी में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "रामबन में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। दिल टूट गया है। मेरी संवेदनाएं हर उस परिवार के साथ हैं जिन्होंने अपनों को खोया है।"
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राहत कार्यों में कसर नहीं छोड़ेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार राहत कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। प्रशासन पूरी ताकत से जमीनी हालात संभालने में जुटा है। साथ ही उन्होंने नागरिकों से अपील की कि मौसम और यात्रा से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें, ताकि किसी और अनहोनी से बचा जा सके। इन दिनों जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश से खतरा और भी बढ़ गया है। 

मौसम विभाग का बर्फबारी का अलर्ट

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मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 20 और 21 अप्रैल को भी बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी रह सकती है। ऐसे में प्रशासन ने जनता को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। किसानों से भी आग्रह किया गया है कि वे 21 अप्रैल तक खेती-किसानी के कार्य टाल दें, ताकि मौसम की मार से उनकी मेहनत सुरक्षित रह सके।इस दुखद समय में, उम्मीद बस इतनी है कि कुदरत थोड़ी रहम दिखाए और रामबन समेत पूरे प्रदेश को जल्दी राहत मिले।
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