नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क : राजधानी दिल्ली और
एनसीआर के आकाश में शुक्रवार रात रहस्यमय रोशनी नजर आई। यह नजारा ऐसा था कि जिसने भी देखा वह हैरान रह गया। लोगाें ने इसको न सिर्फ देखा बल्कि इस घटना को कैमरे में कैद भी किया। अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह क्या था कयास-अटकलों के दौर शुरू हो गए हैं।
इन शहरों में दिखाई दिया उल्कापिंड
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आसमान में यह चमकदार रोशनी दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और यहां तक कि अलीगढ़ में भी देखी गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक तेज रौशनी की लकीर
आकाश में उभरी और फिर वह कई छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट गई। कई लोगों ने इसे उल्कापिंड बताया।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खगोल विशेषज्ञों का कहना है कि यह रोशनी संभवत: एक बोलाइड की हो सकती है। बोलाइड एक प्रकार का उल्कापिंड है जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद अत्यधिक घर्षण और गर्मी के कारण विस्फोट कर टुकड़ों में बंट जाता है। हालांकि उल्कापिंडों का दिखना आम बात है, लेकिन इतनी बड़ी आबादी द्वारा एक साथ इतने उज्ज्वल नजारे को देख पाना एक दुर्लभ अवसर होता है।
कोई नुकसान नहीं, चर्चाएं तेज
विशेषज्ञों के मुताबिक इस घटना से किसी प्रकार के नुकसान की संभावना नहीं है, क्योंकि ज्यादातर उल्कापिंड वायुमंडल में ही जलकर नष्ट हो जाते हैं। वहीं रिपोट्स के मुताबिक कुछ लोगों ने हल्की सी गूंज सुनने का दावा भी किया, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जैसे ही यह घटना घटी, सोशल मीडिया पर इसके वीडियो और तस्वीरें छा गईं। कई यूजर्स ने लिखा कि यह जीवन का पहला अनुभव था। कुछ ने इसे सितारों की बारिश जैसा बताया तो कुछ ने लिखा कि ऐसा दृश्य उन्होंने पहले कभी नहीं देखा।
सितंबर उल्कापिंडों की सक्रिय अवधि
अमेरिकन मीटियोर सोसाइटी के अनुसार, सितंबर का महीना छोटे उल्कापिंडों की वर्षा के लिए सक्रिय माना जाता है। हालांकि इस तरह की अग्निबाल (fireball) जैसी घटनाएं कभी-कभी पूर्व निर्धारित उल्का वर्षा से अलग भी देखी जा सकती हैं।
क्या होता है उल्कापिंड
उल्कापिंड अंतरिक्ष से पृथ्वी की ओर आने वाले चट्टानी या धात्विक पिंड होते हैं। जब ये पिंड पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरते हैं, तो घर्षण के कारण वे जल उठते हैं और चमकते हुए "टूटते तारे" बनाते हैं। यदि कोई उल्कापिंड वायुमंडल में पूरी तरह से नहीं जलता है और पृथ्वी की सतह पर गिर जाता है, तो उसे उल्कापिंड कहा जाता है। उल्कापिंड सौरमंडल के निर्माण के समय के प्राचीन अवशेष होते हैं, जो वैज्ञानिकों को ग्रह निर्माण, ग्रहों के इतिहास और जीवन के विकास को समझने में मदद करते हैं।
आकाश में दिखी रोशनी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है लेकिन यंग भारत न्यूज इनकी पुष्टि नहीं करता है।
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