नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मीडिया के लिए एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में मीडिया संगठनों से साफ तौर पर कहा कि अपनी खबरों, वीडियो और इंटरव्यू के लिए जवानों के घर पर ना पहुंचे। भारतीय सशस्त्र बलों, सेना, नौसेना और वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और उनके परिवारों की गोपनीयता और सम्मान का पालन करें। बता दें, यह एडवाइजरी"ऑपरेशन सिंदूर" जैसे चल रहे अभियानों के दौरान मीडिया की गहन रुचि को देखते हुए जारी किया गया है, जहां अधिकारियों की सार्वजनिक भूमिका के कारण उनके निजी जीवन में अनावश्यक हस्तक्षेप की घटनाएं सामने आई हैं।
गोपनीयता का उल्लंघन न करें
मंत्रालय ने कहा कि मीडिया का सशस्त्र बलों की गतिविधियों, उपलब्धियों और बलिदानों को कवर करने में योगदान सराहनीय है, लेकिन कुछ रिपोर्टरों द्वारा अधिकारियों के आवास पर पहुंचना और उनके परिवारों से संपर्क करने की कोशिश करना अत्यंत अनुचित है। इस तरह की रिपोर्टिंग न केवल गोपनीयता का उल्लंघन करती है, बल्कि अधिकारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा और गरिमा को भी खतरे में डाल सकती है।
मीडिया संस्थानों को चार मुख्य दिशा-निर्देशों दिए
अनधिकृत संपर्क से बचें - जब तक किसी अधिकारी या उनके परिवार की ओर से स्पष्ट आमंत्रण न हो, तब तक उनके निजी आवास या परिवार से संपर्क न करें।
व्यक्तिगत विवरण का प्रकाशन न करें-आवासीय पता, पारिवारिक फोटो या किसी भी प्रकार की गैर-आधिकारिक जानकारी को प्रकाशित या प्रसारित न करें।
पेशेवर रिपोर्टिंग पर ध्यान दें- सशस्त्र बलों की पेशेवर और परिचालन गतिविधियों तक ही रिपोर्टिंग सीमित रखें।
गोपनीयता का सम्मान करें -विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा की संवेदनशील स्थितियों में रिपोर्टिंग करते समय गोपनीयता की सीमाओं का पालन करें।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वह मीडिया के साथ पारदर्शी और रचनात्मक संवाद के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यह अपेक्षा करता है कि सभी पत्रकार और मीडिया संगठन जिम्मेदार और संवेदनशील पत्रकारिता के उच्चतम मानकों का पालन करें।
rajnath singh | defence minister