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Good News : दिल्ली समेत देश के अधिकतर हिस्सों में 25 जून तक पहुंच सकता है Monsoon

भारत में भीषण गर्मी से जूझ रही जनता को जल्द राहत मिलने की संभावना है, क्योंकि इस बार मानसून जल्दी दस्तक दे रहा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 25 जून तक दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में मानसून के पहुंचने की उम्मीद है।

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Jyoti Yadav
Monsoon mumbai maharashtra

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | हीटवेव से परेशान लोगों को जल्द ही इससे निजात मिलने वाला है।  केरल और नैनीताल के कुछ शहरों में तेज़ हवाओं के साथ मॉनसून की बारिश हुई। इसी के साथ भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जानकारी दी कि सामान्य तिथियों से काफी पहले 25 जून तक दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकतर भागों में मानसून पहुंचने की उम्मीद है। बता दें, मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो 2009 के बाद से भारतीय धरती पर इतने पहले पहुंचा है। वर्ष 2009 में यह 23 मई को केरल पहुंचा था। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में निम्न-दबाव वाले मजबूत तंत्र के कारण मानसून अगले कुछ दिन में तेजी से बढ़ा और 29 मई तक मुंबई सहित मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और पूरे पूर्वोत्तर तक पहुंच गया। हालांकि, यह 28-29 मई से 10-11 जून तक रुका रहा और फिर से सक्रिय हो गया।

बारिश की कमी के कारण तापमान में तेज वृद्धि

जून की शुरुआत से बारिश की कमी के कारण तापमान में तेज वृद्धि हुई, जिससे 8-9 जून से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी की स्थिति पैदा हो गई। आईएमडी के विस्तारित अवधि पूर्वानुमान के अनुसार, अब मानसून 18 जून तक मध्य और पूर्वी भारत के शेष हिस्सों तथा उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को कवर कर लेगा। इसके 19 जून से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ने की उम्मीद है। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि मानसून के 27 जून की सामान्य शुरुआत की तारीख से पहले 22-23 जून तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। 

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मानसून की शुरुआत की तारीख सीधे तौर पर कुल मौसमी वर्षा से संबंधित नहीं है। केरल या मुंबई में मानसून का जल्दी या देरी से आना जरूरी नहीं कि देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की प्रगति का संकेत हो। उनका कहना है कि मानसून जटिल वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारकों से प्रभावित होता है, जिसमें महत्वपूर्ण परिवर्तनशीलता होती है। 

सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद

मई में, आईएमडी ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि भारत में जून-सितंबर मानसून के मौसम के दौरान 87 सेंटीमीटर की दीर्घ अवधि औसत वर्षा का 106 प्रतिशत प्राप्त होने की संभावना है। इस 50 वर्षीय औसत के 96 और 104 प्रतिशत के बीच बारिश को ‘सामान्य’ माना जाता है। लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के आस-पास के इलाकों, पूर्वोत्तर और बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग इलाकों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की जा सकती है। मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, जिस पर लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका टिकी है और जो सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है। 

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