नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। अक्सर चर्चाओं में रहने वाले प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) का आज जन्मदिन है। प्रवर्तन निदेशालय आज 70वें साल में लग गया है। इस मौके पर बृहस्पतिवार को विभाग के वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस मौके पर ईडी निदेशक राहुल नवीन ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच वाले धनशोधन के 1700 से अधिक मामले विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं। उन्होंने कहा कि अदालतों में देरी के लिए देश में न्याय प्रणाली में लगने वाले समय को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
ईडी मामलों में दोष सिद्ध होने की दर 93.8 प्रतिशत
प्रवर्तन निदेशालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ईडी के मामलों में दोषसिद्धि की दर 93.6 प्रतिशत है। निश्चित ही ऐसा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की कार्यकुशलता का ही नतीजा है। अब तक अदालतों ने जिन 47 मामलों में फैसला सुनाया है, उनमें से केवल तीन मामलों में ही आरोपी बरी हुए हैं। बृहस्पतिवार को ईडी निदेशक राहुल नवीन ईडी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्नत प्रौद्योगिकी और फोरेंसिक का उपयोग करती है ईडी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ईडी निदेशक ने कहा कि वर्तमान में पीएमएलए के कुल 1,739 मामले विचाराधीन हैं। नवीन ने कहा कि वह पीएमएलए के मामलों में लंबित जांच को ‘स्पष्ट रूप से’ स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसी का प्रयास अदालतों के समक्ष ऐसे मामलों में जल्द आरोपपत्र दाखिल करना होगा। उन्होंने कहा कि ईडी अपनी जांच में उन्नत प्रौद्योगिकी और फोरेंसिक का उपयोग करती है। इस संघीय जांच एजेंसी की स्थापना 1 मई, 1956 को हुई थी।