Advertisment

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बड़ा ऐलान, Waqf Act रद्द होने तक आंदोलन जारी रहेगा

वक्फ संसोधन एक्ट रद्द होने तक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आंदोलन देश भर में जारी रखने का ऐलान किया है। बोर्ड ने कहा है कि मुस्लिम हताश न हों।

author-image
Dhiraj Dhillon
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, आंदोलन, वक्फ अधिनियम, निरस्त

Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने कहा है कि वह वक्फ अधिनियम के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन होगा। बोर्ड इस आंदोलन का नेतृत्व करेगा। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक यह कानून पूरी तरह से रद्द नहीं कर दिया जाता। एआईएमपीएलबी ने यह भी बताया कि वह इस अभियान को सभी धार्मिक, सामुदायिक और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर चलाएगा।      

बोर्ड ने कहा- तथाकथित धर्म निरपेक्ष उजागर हुआ

एनडीए के सहयोगी दलों, जनता दल (यूनाइटेड), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के द्वारा वक्फ विधेयक का समर्थन किए जाने पर बोर्ड ने आलोचना करते हुए कहा कि इन दलों ने भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे का साथ देकर अपने तथाकथित धर्मनिरपेक्ष चेहरे की असलियत उजागर कर दी है। विधेयक को समर्थन के बाद जदयू के कई बड़े नेताओं ने पार्टी से अपना नाता तोड़ने का ऐलान कर नीतिश कुमार को बड़ा झटका दिया है। 

AIMPLB ने कहा हताश न हों मुस्लिम

बोर्ड ने एक बयान में कहा कि मुस्लिम समुदाय को हताश या निराश होने की जरूरत नहीं है। नेतृत्व इस मुद्दे पर किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटेगा और देश की न्यायप्रिय ताकतों के साथ मिलकर संवैधानिक ढांचे के भीतर एक प्रभावशाली आंदोलन खड़ा करेगा। बोर्ड ने वक्फ कानून में किए गए संशोधनों को "दमनकारी" करार दिया और कहा कि इनका विरोध पूरी ताकत से किया जाएगा।
एआईएमपीएलबी के अनुसार, ये विचार शनिवार को बोर्ड के अधिकारियों और विशेष आमंत्रित सदस्यों की बैठक में सामने आए। शनिवार देर रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी। इस विधेयक को हाल ही में संसद से पारित किया गया था।

कब क्या हुआ

वक्फ संसोधन विधेयक 2024 में संसद में रखा गया था, लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते यह विधेयक संयुक्त संसदीय सामिति को चला गया था। समिति ने विधेयक लेकर लाखों लोगों के बयान लिए। मुस्लिम संगठनों से बात की। समिति ने अपने विवेक से कुछ जरूरी बदलाव भी विधेयक में किए। उसके बाद बुधवार और बृहस्पतिवार को क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा में बिल को पारित किया गया। 
हालांकि सरकार ने यह कई बार स्पष्ट किया है कि कानून किसी भी लिहाज सेमुस्लिम विरोधीनहीं है, लेकिन फिर कुछ मुस्लिम संगठन और विपक्ष इस तरह के आरोप लगा रहा है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गए इस संसोधन को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
Advertisment
Advertisment