/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/06/8WbOzJUSfdjHYFkCLtaK.jpg)
Photograph: (Google)
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संसद में पारित वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा है कि वक्फ संपत्तियों पर गैर-मुस्लिमों का भी समान अधिकार है। पटना में उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियों को अल्लाह की संपत्ति माना जाता है और इसका उपयोग गरीबों, जरूरतमंदों व जनहित में किया जाना चाहिए।
कुरान में मुस्लिम और गैर मुस्लिमों का जिक्र
राज्यपाल ने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि उसमें दो तरह के जरूरतमंदों फकीर (मुस्लिम) और मिस्कीन (गैर-मुस्लिम) का जिक्र है, जिससे स्पष्ट होता है कि वक्फ से लाभ पाने का अधिकार सभी जरूरतमंदों को है, न कि किसी एक समुदाय को। उन्होंने पटना में वक्फ की कई संपत्तियों के बावजूद कोई अस्पताल या अनाथालय न होने पर भी सवाल खड़ा किया।विधेयक के खिलाफ हो रहे विरोध पर राज्यपाल कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है।
शाइस्ता अंबर और शादाब शम्स ने भी किया बिल का समर्थन
लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने भी वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करते हुए कहा कि पहले की सरकारों और धार्मिक नेताओं को यह कदम पहले ही उठा लेना चाहिए था। उन्होंने सरकार से वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने और महिलाओं के अधिकार सुरक्षित करने के लिए की गई इस पहल का स्वागत किया है।
शादाब बोले- राजनैतिक मुसलमान कर रहे विरोध
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने waqf bill का विरोध करने वालों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, "इस विधेयक का विरोध करने वाले गरीब मुसलमान नहीं, बल्कि राजनीतिक मुसलमान हैं।" बता दें कि संसद में वक्फ संसोधन विधेयक होने के बाद तीन याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर हो चुकी हैं। पहली याचिका एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी की है। दूसरी याचिका कांग्रेस के सांसद जावेद और तीसरी याचिका आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की ओर से फाइल की गई है। अमानतुल्लाह खान दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
Advertisment