नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। National Herald Case: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी मुश्किल में फंसे हुए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है, लेकिन ईडी ने एक चूक कर दी है। इस चूक की वजह से राहुल गांधी और सोनिया गांधी को बचाव का मौका मिल सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल को होगी।
ED ने दिया कांग्रेस नेताओं को बचाव का मौका
ईडी ने चार्जशीट तो दाखिल कर दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने चार्जशीट दायर करने से पहले अनुमति लेने को कहा था। लेकिन ईडी ने मंजूरी के बिना ही चार्जशीट दायर कर दी है। दरअसल, राहुल गांधी और सोनिया गांधी संसद के सदस्य हैं और नियम के मुताबिक, ऐसे में ईडी को चार्जशीट दायर करने से पहले लोकसभा स्पीकर और उपराष्ट्रपति से मंजूरी लेनी होती है। प्रवर्तन निदेशालय ने 9 अप्रैल को राहुल और सोनिया गांधी समेत 7 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। सूत्रों के मुताबिक ईडी का मानना है कि एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडिया मामले में कथित अनिमितताओं का सांसद के रूप में उनकी भूमिका से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए ईडी ने चार्जशीट दायर करने से पहले सुप्रीम कोर्ट से इजाजत नहीं ली है।
नेशनल हेराल्ड केस क्या है?
नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सु्ब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर 2013 में केस दर्ज हुआ था। कोर्ट ने 2014 में मामले पर संज्ञान लिया था। कांग्रेस नेताओं पर आरोप है कि 2010 में एजेएल नामक कंपनी की लगभग 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अवैध रूप से हड़पने की योजना बनाई गई। कंपनी के 99% शेयर महज 50 लाख रुपये में 'यंग इंडियन' नाम की निजी कंपनी को ट्रांसफर कर दिए गए। यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कुल 76% हिस्सेदारी थी। 24% हिस्सेदारी मोतीलाल वोहरा और ऑस्कर फर्नांडीस की थी। ये सभी कांग्रेस नेता हैं। आरोप यह है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एजेएल को पहले 90.21 करोड़ रुपये का लोन दिया था, जिसे बाद में 9.02 करोड़ रुपये के शेयरों में बदलकर यंग इंडियन को मात्र 50 लाख रुपये में दे दिया गया। 2017 में जांच के दौरान पाया गया कि यंग इंडियन ने एजेएल की संपत्ति लेकर 414 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी की है।