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National Herald case: सोनिया गांधी के वकील ने ED के आरोपों को बताया 'अजीब और अभूतपूर्व'

नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के आरोपों को "अजीब और अभूतपूर्व" बताया। उन्होंने कहा कि यह केस बिना किसी वास्तविक संपत्ति उपयोग या लाभ के मनी लॉन्ड्रिंग का है।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का यह मामला बेहद अजीब और अभूतपूर्व है। यह टिप्पणी उन्होंने तीन जुलाई को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू द्वारा आरोपपत्र की सुनवाई के बाद की। सिंघवी ने कहा कि यह मामला बिना किसी संपत्ति के उपयोग या किसी संपत्ति के उद्देश्य के धनशोधन से जुड़ा है, जो असामान्य और दुर्लभ है।
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गांधी परिवार पर लगे गंभीर आरोप 

ईडी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन नामक निजी कंपनी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशन से जुड़ी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति को धोखाधड़ी से अधिग्रहित करने और धनशोधन का आरोप लगाया है। ईडी का दावा है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन के 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले धोखाधड़ी से एजेएल की संपत्ति हासिल की।

यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी संस्था 

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सिंघवी ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि यह कदम एजेएल को कर्ज मुक्त करने के लिए लिया गया था, जो कि किसी भी कंपनी का सामान्य अधिकार है। उन्होंने कहा, “किसी भी कंपनी को कानून के तहत यह अधिकार है कि वह अपने कर्ज को विभिन्न माध्यमों से निपटाए और कर्ज मुक्त हो जाए। उन्होंने बताया कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो लाभांश, भत्ते, वेतन या बोनस प्रदान करने की अनुमति नहीं रखती।

निजी शिकायत पर मामला दर्ज किया

सिंघवी ने आरोप लगाया कि ईडी ने कई वर्षों तक कोई कार्रवाई नहीं की और बाद में एक निजी शिकायत पर मामला दर्ज किया। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि इस मामले की सुनवाई के लिए वर्तमान अदालत के पास अधिकार नहीं है। तीन जुलाई को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने आरोपपत्र के पक्ष में तर्क दिया कि गांधी परिवार यंग इंडियन का ‘लाभकारी मालिक’ है और अन्य शेयरधारकों की मृत्यु के बाद उसका पूर्ण नियंत्रण बन गया। ईडी ने इस मामले में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 और 4 के तहत आरोपपत्र दायर किया है। sonia Gandhi 
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