Advertisment

नई दिल्ली ने बनाया इस्लामाबाद की आर्थिक रीढ़ तोड़ने का प्लान, पाई-पाई को तरसेगा Pakistan

भारत पाकिस्तान को हर मोर्चे पर शिकस्त देना चाहता है। रणनीतिक और कूटनीतिक घेराबंदी के साथ ही नई दिल्ली इस्लामाबाद को पाई-पाई के लिए भी मोहताज करना चाहती है।  

author-image
YBN News
PAKISTANINDIA

PAKISTANINDIA Photograph: (ians)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, आईएएनएस । भारत पाकिस्तान को हर मोर्चे पर शिकस्त देना चाहता है। रणनीतिक और कूटनीतिक घेराबंदी के साथ ही नई दिल्ली इस्लामाबाद को पाई-पाई के लिए भी मोहताज करना चाहती है।  

इस्लामाबाद को 'ग्रे' सूची में डालने की अपील

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित बहुपक्षीय एजेंसियों से पाकिस्तान को दिए गए धन और ऋण पर फिर से विचार करने के लिए कहेगा। साथ ही वैश्विक धन शोधन निरोधक एजेंसी, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) से इस्लामाबाद को 'ग्रे' सूची में डालने की अपील की जाएगी।

दिवालियापन से बचने में मदद के लिए

एक सरकारी सूत्र ने कहा कि भारत, दिवालियापन से बचने में मदद के लिए हाल के महीनों में आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान को दी गई सुविधाओं की समीक्षा की मांग करेगा। वह परियोजनाओं को फंड देने वाली विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसी अन्य एजेंसियों के साथ भी संपर्क में है।

पाकिस्तान में गहरे आर्थिक संकट

यह सभी जानते हैं कि पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। वह पूरी तरह से विदेशी कर्ज पर निर्भर है। अगर पाकिस्तान को मिलने वाली विदेशी आर्थिक मदद को रोक दिया जाए या मुश्किल बना दिया जाए तो उसके लिए अपने वजूद को बचाना ही सबसे बड़ा सवाल बन जाएगा।

Advertisment

पाकिस्तान ने पिछले साल आईएमएफ से 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट प्रोग्राम हासिल किया था और मार्च में उसे 1.3 बिलियन डॉलर का नया जलवायु ऋण मिला था। जनवरी 2025 में विश्व बैंक ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को उसकी चुनौतियों से उबरने के लिए 20 अरब डॉलर के ऋण पैकेज को मंजूरी दी थी।

वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा

आईएमएफ का कार्यकारी बोर्ड विस्तारित वित्तपोषण की पहली समीक्षा के लिए 9 मई को पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलने वाला है।

जानकारों का कहना है कि आईएमएफ को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए। उसे आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के समर्थन को ध्यान में रखते हुए कठोर शर्तों के बिना वित्तीय सहायता जारी रखने से आर्थिक स्थिरता और सुधार के मूल उद्देश्यों को नुकसान पहुंचने का खतरा है। आईएमएफ को यह सुनिश्चित किया जा सके कि वित्तीय सहायता अनजाने में उन गतिविधियों को बढ़ावा न दे, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती हैं।

पहलगाम हमले

Advertisment

बता दें आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल - पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर गोलियां चला दी थीं। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह 'लश्कर-ए-तैयबा' से जुड़े 'टीआरएफ' ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, शामिल हैं।

भारत के इन फैसलों के बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने, भारतीय नागरिकों के वीजा रद्दे करने जैसे कदम उठाए।

Advertisment
Advertisment