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हाथ में कटोरा फिर भी धमकी का ढिंढोंरा, जानें कैसे भूख प्यास से बिलबिलाएगा पाकिस्तान ?

भारत ने पाकिस्तान पर कई आर्थिक और कूटनीतिक प्रतिबंध लगाए, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य राजनयिकों को अवांछित घोषित करना और हवाई क्षेत्र प्रतिबंध शामिल हैं।

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Ajit Kumar Pandey
INDIA PAKISTAN TENSION
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत को झकझोर दिया, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।

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इस हमले में 28 पर्यटकों की जान चली गई, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना भी शामिल है। इस घटना ने दोनों देशों की आर्थिक स्थिति, सैन्य शक्ति और सामाजिक चुनौतियों की तुलना को और प्रासंगिक बना दिया है। आइए, आंकड़ों के साथ दोनों देशों की स्थिति का विश्लेषण करें और समझें कि इस तनाव के बीच कैसे भूख प्यास से बिलबिलाएगा पाकिस्तान...

पहलगाम हमला: एक दर्दनाक घटना

22 अप्रैल 2025 को, पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए और कई घायल हुए। यह हमला कश्मीर में पिछले कई दशकों में सबसे घातक हमलों में से एक था।

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चश्मदीदों के अनुसार, आतंकियों ने पीड़ितों से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और हिंदुओं को निशाना बनाया। इस घटना ने भारत में आक्रोश पैदा किया और सरकार ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर जवाबी कार्रवाई की, जबकि सरकार ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक और आर्थिक संबंधों को और सख्त करने का फैसला किया।

इस हमले के बाद भारत ने कई बड़े कदम उठाए। पाकिस्तान के सैन्य राजनयिकों को अवांछित घोषित किया गया, भारतीय हवाई क्षेत्र से पाकिस्तानी उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया गया, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया। इन कदमों ने पाकिस्तान को आर्थिक और रणनीतिक रूप से दबाव में ला दिया। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने इन हमलों में अपनी संलिप्तता से इनकार किया और भारत के कदमों को "आक्रामक" करार दिया।

भारत और पाकिस्तान: आर्थिक तुलना

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सकल घरेलू उत्पाद (GDP)

आर्थिक मोर्चे पर भारत और पाकिस्तान के बीच का अंतर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के 2024 के अनुमानों के अनुसार, भारत की जीडीपी 3.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो इसे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाती है।

दूसरी ओर, पाकिस्तान की जीडीपी मात्र 348 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो भारत की तुलना में लगभग 11 गुना कम है। भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2,800 डॉलर के आसपास है, जबकि पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति जीडीपी केवल 1,500 डॉलर है।

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भारत की अर्थव्यवस्था में विविधता और मजबूती का मुख्य कारण इसका विशाल औद्योगिक आधार, तकनीकी क्षेत्र, और सेवा उद्योग है। भारत विश्व का सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर निर्यातक है और इसकी अर्थव्यवस्था में विनिर्माण और स्टार्टअप क्षेत्र तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके विपरीत, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और कपड़ा उद्योग पर निर्भर है, जो वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के अभाव में कमजोर पड़ रही है।

मुद्रास्फीति और आर्थिक संकट

पाकिस्तान इस समय अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहा है। 2024 में पाकिस्तान की मुद्रास्फीति दर 25% से अधिक रही, जिसके कारण खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतें आसमान छू रही हैं। कई शहरों में लोग बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 40% तक की वृद्धि देखी गई है। इसके विपरीत, भारत में मुद्रास्फीति दर 2024 में 5-6% के बीच रही, जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की नीतियों के कारण नियंत्रित है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय कर्ज का बोझ भी झेलना पड़ रहा है। 2024 तक, पाकिस्तान का बाहरी कर्ज 130 बिलियन डॉलर से अधिक हो चुका है, जिसमें से बड़ा हिस्सा चीन और आईएमएफ को चुकाना है। भारत का बाहरी कर्ज, जो 650 बिलियन डॉलर के आसपास है, उसकी जीडीपी के अनुपात में बहुत कम है और इसे प्रबंधनीय माना जाता है।

व्यापार और निवेश

भारत वैश्विक व्यापार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुका है। 2024 में भारत का निर्यात 780 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें सॉफ्टवेयर, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्र शामिल हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान का निर्यात मात्र 35 बिलियन डॉलर है, जो मुख्य रूप से कपड़ा और कृषि उत्पादों पर आधारित है। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2024 में 85 बिलियन डॉलर रहा, जबकि पाकिस्तान में यह 2 बिलियन डॉलर से भी कम था।

सैन्य शक्ति: भारत बनाम पाकिस्तान

सैन्य बजट

सैन्य शक्ति के मामले में भारत और पाकिस्तान के बीच का अंतर भी स्पष्ट है। 2025 में भारत का रक्षा बजट 78.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो पाकिस्तान के 7.6 बिलियन डॉलर के रक्षा बजट से लगभग 10 गुना अधिक है। भारत का रक्षा बजट इसे विश्व के शीर्ष पांच रक्षा खर्च करने वाले देशों में शामिल करता है।

भारत की सेना में 1.4 मिलियन सक्रिय सैनिक, 5,000 टैंक, और 700 लड़ाकू विमान हैं। इसके अलावा, भारत के पास परमाणु हथियार और आधुनिक मिसाइल प्रणालियां जैसे अग्नि और ब्रह्मोस हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान की सेना में 650,000 सक्रिय सैनिक, 3,200 टैंक, और 350 लड़ाकू विमान हैं। हालांकि पाकिस्तान के पास भी परमाणु हथियार हैं, लेकिन उसकी सैन्य तकनीक और संसाधन भारत की तुलना में सीमित हैं।

वैश्विक सैन्य रैंकिंग

ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत सैन्य ताकत में विश्व में चौथे स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान 12वें स्थान पर है। भारत की नौसेना, वायुसेना, और थलसेना सभी क्षेत्रों में पाकिस्तान से कहीं अधिक उन्नत हैं। भारत ने हाल के वर्षों में स्वदेशी हथियार प्रणालियों, जैसे तेजस लड़ाकू विमान और अर्जुन टैंक, पर भी निवेश किया है, जो इसे आत्मनिर्भर बनाता है।

पहलगाम हमले के बाद सैन्य प्रतिक्रिया

पहलगाम हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने "एक्सरसाइज आक्रमण" शुरू किया, जिसमें पहाड़ी और जमीनी लक्ष्यों पर हवाई हमलों का अभ्यास किया गया। यह अभ्यास भारत की सैन्य ताकत और तत्परता का प्रदर्शन था। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने भी अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा और नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की। हालांकि, भारत की सैन्य श्रेष्ठता और आर्थिक स्थिरता के सामने पाकिस्तान की स्थिति कमजोर दिखाई देती है।

सामाजिक और राजनयिक प्रभाव

भारत की प्रतिक्रिया

पहलगाम हमले ने भारत में एकजुटता और आक्रोश को जन्म दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को "पृथ्वी के किसी भी कोने में ढूंढकर सजा देने" की कसम खाई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैचों पर रोक लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को पत्र लिखा। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए मेडिकल वीजा की समय सीमा 29 अप्रैल 2025 तक सीमित कर दी।

पाकिस्तान की स्थिति

पाकिस्तान ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया और भारत के कदमों को "युद्ध की कार्रवाई" करार दिया। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने हमलावरों को "स्वतंत्रता सेनानी" कहा, जिससे भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में और आक्रोश फैला। रूस ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा न करने की सलाह दी, जो पाकिस्तान की कूटनीतिक अलगाव को दर्शाता है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अमेरिका ने इस हमले की निंदा की और भारत की मदद का वादा किया। डीएनआई तुलसी गैबार्ड ने इसे "इस्लामिक आतंकी हमला" करार दिया। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से "अधिकतम संयम" बरतने की अपील की, लेकिन भारत के कड़े रुख को देखते हुए तनाव कम होने की संभावना कम है।

पहलगाम आतंकी हमला केवल एक दुखद घटना नहीं है, बल्कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच गहरे मतभेदों और असमानताओं का प्रतीक भी है। आर्थिक रूप से, भारत एक उभरती हुई महाशक्ति है, जबकि पाकिस्तान आर्थिक संकट में डूबा हुआ है।

सैन्य शक्ति में भारत का दबदबा स्पष्ट है, और राजनयिक मोर्चे पर भी भारत की स्थिति मजबूत है। पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन से होने वाले नुकसान को समझना होगा, वरना उसका आर्थिक और सामाजिक पतन और तेज हो सकता है। भारत के लिए, यह समय एकजुट रहने और अपनी रणनीतिक स्थिति को और मजबूत करने का है। India Pakistan Tension |

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